बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने प्रतिक्रिया दी है. मरांडी ने कहा है कि सीएम हेमंत सोरेन के तत्कालीन प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का मामले पर सरकार द्वारा गठित एक सदस्यीय न्यायिक जांच सिर्फ लीपापोती है और कुछ नहीं. मरांडी ने कहा कि हमने तो राजीव अरुण एक्का के तत्काल निलंबन और गिरफ्तारी की मांग की थी. जिस तरह महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए राजीव अरुण एक्का किसी और के दफ्तर में सरकारी कामकाज को निपटा रहे थे. ये अपने आप में एक गंभीर मसला है बाबूलाल ने कहा कि जांच आयोग के नाम पर पहले भी राज्य सरकार खानापूर्ति कर चुकी है. उन्होंने कहा कि साहिबगंज में अवैध पत्थर खनन और ढुलाई को लेकर जांच की मांग मैंने की थी. उस समय भी सरकार ने एसआईटी का गठन कर रेलवे द्वारा पत्थर की ढुलाई की जांच करायी थी. एक बार फिर ऐसा ही जांच आयोग का गठन कर सरकार इस मामले की भी लीपापोती में लग गयी है.