Desk. भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ एक करोड़ की मानहानि का मुकदमा दायर किया गया है। यह मुकदमा सामाजिक कार्यकर्ता ने रंजन गोगोई पर दायर किया है। साथ ही उन्होंने पूर्व सीजेआई की आत्मकथा ‘जस्टिस फॉर द जज’ पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि पूर्व सीजेआई की आत्मकथा में एनआरसी के संदर्भ में कुछ गलत बातें कही गयी है।
मिली जानकारी के अनुसार सामाजिक कार्यकर्ता अभिजीत शर्मा ने कामरूप (मेट्रो) जिले और गुवाहाटी में सिविल जज कोर्ट में पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ एक करोड़ रुपये का मानहानि मुकदमा दायर किया है। अभिजीत शर्मा ने पहले असम में 1951 के एनआरसी को अद्यतन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी। साथ ही मामले के लंबित रहने के दौरान हाई कोर्ट की निगरानी में 2015 में असम में एनआरसी की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
शर्मा ने अदालत में अपनी याचिका में बताया कि सेवानिवृत्ति के बाद पूर्व सीजेआई ने एनआरसी के समन्वयक रहे प्रतीक हजेला को पद से हटाने और उन्हें मध्य प्रदेश में स्थानांतरित करने के संबंध में कुछ बातें लिखी वो गलत बातें हैं। साथ ही मानहानिकारक प्रकृति की हैं। मामले की अगली सुनवाई तीन जून को होगी।