झारखंड प्रदेश विश्व में जितना अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए चर्चित है. उतना ही यहां के रहस्य भी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं. आज हम आपको ऐसे ही एक गांव के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसे भगवान शिव का गांव भी कहा जाता है. झारखंड में एक गांव ऐसा है जहां 365 शिवलिंग हैं. गुमला जिले में स्थित इस गांव का नाम ‘आंजन’. पौरानिक मान्यताओं की माने तो हनुमान जी की माता अंजनी हर दिन एक तालाब में स्नान कर शिवलिंग में जलाभिषेक करने आती थी. माता अंजनी ने 365 तालाबों में स्नान कर शिवलिंग पर जल अभिषेक किया. इसलिए गुमला से 21 किमी दूर आंजन के जंगल और पहाड़ों में 365 शिवलिंग हैं. इतना ही नहीं यहां के तलाबों की संख्या भी 365 ही रही इसके भी प्रमाण मिले हैं.
वैसे आंजन गांव रामभक्त हनुमान के लिए जाना जाता है. लोग बताते हैं कि आंजन गांव के कण-कण में हनुमान जी का वास है. इस गांव के पग-पग पर भगवान शिव का दर्शन होते हैं. इतना ही नहीं बताया जाता है माता अंजनी परम शिव भक्त थी, और वो लगातार 365 दिन भगवान शिव पर जल चढ़ाती रही. पुराने लोग बताते हैं कि इस जगह पर 365 महुआ के पेड़ भी थे. सावन में इस देवभूमि पर भक्तों की भीड़ बढ़ जाती है. झारखंड के अलावा बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा और प. बंगाल से भक्त यहां शिव के दर्शन के लिए आते हैं.
हनुमान जी का अनोखा मंदीर
गुमला को देवभूमि के रूप में माना जाता है. यहां पहला ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी बाल अवस्था में माता की गोद में विराजमान हैं. यहां की लोगों की मान्यता है कि हनुमानजी भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार हैं. गुमला जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूरी पर अवस्थित पवित्र आंजन पर्वतमाला पर्वत भी है. मान्यता यह भी है कि पहाड़ की चोटी पर गुफा में माता अंजनी ने हनुमानजी को जन्म दिया था. यही वजह है कि इस जगह को आंजनधाम कहा जाता है.
रहस्यमयी नाग के दर्शन
मंदिर में राधा-कृष्ण, राम-लक्ष्मण व सीता और शिव की प्रतिमा विराजमान है. रामनवमी, हनुमान जयंती सहित सावन के महीने में विशेष पूजा अर्चना होती है. अंजनी मंदिर के नीचे एक सर्प गुफा है. वहां श्रद्धालुओं को नाग के दर्शन होते हैं. यहां के लोगों का मानना है कि भगवान शिव खुद नाग रूप में विराजमान होते हैं.
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