मधेपुरा : बिहार राज्य आशा एवं आशा फेसिलेटर संघ के बैनर तले आज आशा कार्यकर्ताओं ने हड़ताल के 10वें दिन सीएचसी सिंहेश्वर के ओपीडी सेवा और टीकाकरण कार्यक्रम को बाधित कर दिया। आशा कार्यकर्ताओं ने सीएचसी सिंहेश्वर में वैक्सीन के उठाव को रोककर टीकाकरण कार्यक्रम को भी बंद कर दिया। साथ ही अस्पताल में चल रहे ओपीडी कार्य को भी ठप कर दिया।
10 दिनों से हड़ताल पर हैं आशा कार्यकर्ता
हालांकि इस मामले में चिकित्सा प्रभारी डा. रविन्द्र कुमार और बीएचएम पियूष वर्धन ने आशा कार्यकर्ताओं को काफी समझाने का भी प्रयास किया लेकिन वे विफल रहे। आशा कार्यकर्ताओं का कहना था कि 10 दिनों से हड़ताल पर हैं और सरकार के कान में जूं नहीं रेग रही है। सरकार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ और नारी शक्तिकरण का दिखावा कर रही है। आज आशा कार्यकर्ता अपनी वाजिब मांग को लेकर दर-दर भटक रही है, लेकिन सुनने वाला कोई नही है।
सरकारी सेवक घोषित करे सरकार
उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें भी सरकारी सेवक घोषित करे और समान काम के बदले समान वेतन दे। संघ के अध्यक्ष सुनीता देवी ने सरकार से मांग रखते हुए कहा की आशा कार्यकर्ता की उपेक्षा की जा रही है। उन्हें दैनिक मजदूरी भी नहीं मिल रहा है। बिहार सरकार और केंद्र सरकार महिलाओं के उत्थान की बात करती है, लेकिन 1 हजार रुपया पारितोषिक देकर उसका शोषण कर रही है। उसे एक हजार का पारितोषिक की जगह 10 हजार का वेतनमान दे।
इमरजेंसी सेवा पर नहीं पड़ेगा कोई असर
आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि इमरजेंसी सेवा को हड़ताल से अलग रखा जाएगा। सभी आशा कार्यकर्ताओं ने सीएचसी के मुख्य द्वार पर जमा होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए और वेतनमान की मांग की। मौके पर विभा देवी, फरजाना खातून, सुधा कुमारी, रेणु कुमारी, गीता देवी, नीलम देवी, सरिता कुमारी, छोटी कुमारी, कल्पना देवी सहित प्रखंड क्षेत्र के सभी आशा कार्यकर्ता मौजूद थीं।