लद्दाख : लद्दाख के द्रास में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कारगिल विजय दिवस के मौके पर कारगिल युद्ध स्मारक पहुंचे। उन्होंने कारगिल युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। तीन चीतल हेलीकॉप्टर ने द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक के ऊपर से गुजरते हुए फूल बरसाए।
इस मौके पर उन्होंने कहा, “मैं उन वीर सपूतों को सलाम करता हूं, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। मैं उन वीर सपूतों को सलाम करता हूं, जिन्होंने देश को सबसे पहले रखा और इसके लिए अपने जीवन का बलिदान देने में संकोच नहीं किया।” वहीं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने द्रास पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने 1999 के करगिल युद्ध में शहीद जवानों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने सम्मान स्वरूप उन्हें एक स्मृति चिन्ह और एक शॉल भी सौंपा।
राजनाथ सिंह ने लद्दाख में एक कार्यक्रम को किया संबोधित
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख में एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की रक्षा के लिए 1999 में देश के सैनिकों ने जो वीरता और शौर्य का प्रदर्शन किया वह स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। आज हम खुली हवा में सांस इसलिए ले पा रहे हैं क्योंकि किसी समय में 0 डिग्री से कम तापमान में हमारे सैनिकों ने ऑक्सीजन की कमी के बावजूद अपनी बंदूकें कभी नीचे नहीं की। आज कारगिल में भारत का ध्वज इसलिए लहरा रहा हैं क्योंकि 1999 में भारत के सैनिकों ने अपने शौर्य का परिचय देते हुए दुश्मनों की छाती में तिरंगा लहरा दिया था।
राजनाथ सिंह ने ‘हट ऑफ रिमेंबरेंस’ संग्रहालय का किया दौरा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उस समय अगर हमने LoC पार नहीं किया, तो इसका मतलब यह नहीं कि हम LoC पार नहीं कर सकते थे। हम LoC पार कर सकते थे, हम LoC पार कर सकते हैं, और जरूरत पड़ी तो भविष्य में LoC पार करेंगे। मैं इसे फिर से दोहराना चाहूँगा, कि हम LoC पार कर सकते थे, हम LoC पार कर सकते हैं, और जरूरत पड़ी तो भविष्य में LoC पार करेंगे; इसका मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूँ।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कारगिल विजय दिवस पर द्रास में कारगिल युद्ध में अपनी जान गंवाले वाले जवानों की याद में बने ‘हट ऑफ रिमेंबरेंस’ संग्रहालय का दौरा किया।










