झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा समन भेजा गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने हेमंत सोरेन को 14 अगस्त को रांची के रीजनल ऑफिस में उपस्थित होने को कहा है। बता दें कि इससे पहले भी ईडी ने हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए बुलाया था 18 नवंबर 2022 को भी लगभग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा 10 घंटे तक पूछताछ की गई थी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी को एक खुली चिट्ठी लिखकर चुनौती दी थी.
आयुक्त ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी
दरअसल राजधानी रांची में सेना के कब्जे वाली जमीन को लेकर प्रवर्तन निदेशालय लगातार छापेमारी कर रही है साथ ही जांच पड़ताल में जुटी हुई है। इसी दौरान रांची के कई कारोबारी पर भी ईडी की गाज गीरी। सेना के कब्जे वाली जमीन के सिलसिले में जांच कर आयुक्त ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. इस जांच रिपोर्ट में स्पष्ट था कि फर्जी नाम और पता के आधार पर सेना की जमीन पर कब्जा किया गया. रांची नगर निगम ने इस मामले की शिकायत दर्ज करा दी. ईडी ने इसी प्राथमिकी को इसीआइआर के रूप में दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी.
रिमांड पर अभियुक्तों से हुई पूछताछ
इस मामले की जांच शुरू हुई तो पहला छापा नवंबर 2022 में व्यापारी विष्णु अग्रवाल, अमित अग्रवाल के ठिकानों पर पड़ा था. ईडी ने दूसरी बार छापा मारा 13 अप्रैल को रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, बड़गाईं अंचल के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, कर्मचारी भानु प्रताप समेत जमीन के कारोबार से जुड़े 21 ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी .छापेमारी में कई अहम सबूत मिले. सरकारी दस्तावेज घर में रखने के आरोप में कर्मचारी भानु प्रताप सहित सात जमीन कारोबारियों को गिरफ्तार कर लिया. रिमांड पर इन अभियुक्तों से हुई पूछताछ के दौरान जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ करने में शामिल अन्य लोगों की जानकारी मिल गई थी.