समीर सिन्हा
झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का आज दूसरा दिन है कई मायनों में खास रहा. दूसरे दिन की शुरुआत प्रदर्शन के साथ हुई. सदन के बाहर भाजपा के विधायकों ने आंदोलन करते हुए सरकार को नियोजन नीति पर घेरा और सवाल उठाया. विधायकों ने नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए सरकार पर सवाल उठाया. भाजपा के विधायकों ने कहा कि राज्य सरकार स्थानीय और नियोजन नीति को लटकाए हुए है, सरकार नौकरी देना ही नहीं चाहती, युवाओं को राज्य सरकार ठग रही है.
सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी सरकार के खिलाफ उठायी आवाज
विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विपक्ष नहीं, बल्कि पक्ष के विधायकों ने सरकार के खिलाफ सवाल उठा कर हेमंत के लिए मुसिबत खड़ी कर दी. जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम विरोध करते हुए बहंगी लेकर विधानसभ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार किसी की नहीं सुनती. जनता को भरमाने का काम कर रही है. हेमंत सोरेन उनसे बात नहीं करते हैं. जल, जंगल जमीन के नाम पर सत्ता में आयी हेमंत सरकार में इसी का दोहन करने का काम कर रही है.
इरफान ने खड़ी की नई मुसीबत !
अपने विवादित बयानों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहने वाले जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी आज सदन के बाहर तख्ती लेकर धरना पर बैठ गए. इरफान जामताड़ा के वीरगांव और निरसा के बीच बरबेंदिया पुल निर्माण की मांग को लेकर प्रदर्शन करते दिखे. उन्होंने कहा है कि हम सब जानते हैं कि जामताड़ा में बरबेंदिया पुल कितना महत्वपूर्ण है, लेकिन वह पुल नहीं बनाया जा रहा है. अगर यह पुल बन जाएगा तो रांची से अगर आप जामताड़ा या साहिबगंज जाएंगे तो 80 किलोमीटर रास्ता शॉर्ट हो जाएगा. इरफान ने कहा कि सड़के मैंने बनवा दी है, लेकीन पूल नहीं बन पा रहा है. इसकी वजह से 14 लोगों की जान चली गई. पूल का वादा 1 साल पहले किया गया था. जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है.
अंबा प्रसाद भी नहीं हैं खुश
बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने एक फिर से सरकार की व्यवस्था पर इशारों-इशारों में सवाल उठाया है. विधायक ने कहा है यहां आम लोगों के लिए अलग व्यवस्था है. आम लोगों पर कार्रवाई की जाती है, लेकिन पूंजीपति लोगों को कई रोकने वाला नहीं है. अंबा प्रसाद ने एनटीपीसी पर बात करते हुए कहा कि एनटीपीसी पर कार्रवाई क्यों नहीं होती ये मेरे समझ में नहीं आता ? एनटीपीसी के जीएम को जेल जाना चाहिए. उन्होंने विधायक प्रतिनिधि के हत्यारों को गिरफ्तारी नहीं होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. एक सवाल का जवाब देते हुए अंबा प्रसाद ने कहा कि या तो कोई अधिकारियों को मनोबल दे रहा है या अधिकारी खुद कार्रवाई करने की मनोदशा में नहीं हैं.
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