जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक में एमनेस्टी योजना और दरों में सुधार पर चर्चा की जा रही है। एमनेस्टी योजना के तहत, 2017 से 2021 के बीच प्राप्त मांग नोटिसों के लिए करदाताओं को ब्याज और जुर्माने से राहत दी जाएगी, बशर्ते कि वे 31 मार्च 2025 तक पूरा कर भुगतान कर दें। इस योजना का उद्देश्य करदाताओं को राहत प्रदान करना और कर अनुपालन को बढ़ावा देना है।

बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी दरों में कमी पर भी विचार किया जा रहा है। वर्तमान में, इन प्रीमियमों पर 18% जीएसटी लगाया जाता है, जिसे घटाकर 5% करने का प्रस्ताव है। इस कदम से बीमा धारकों के लिए बीमा की लागत में कमी आएगी और बीमा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, जीएसटी संरचना के सुधार और उल्टे शुल्क संरचना को हटाने पर भी चर्चा की जा रही है।
भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए, जीएसटी काउंसिल का यह कदम करदाताओं के लिए राहतकारी साबित हो सकता है। एमनेस्टी योजना और दरों में सुधार से न केवल कर अनुपालन में सुधार होगा, बल्कि करदाताओं का विश्वास भी बढ़ेगा। इसके अलावा, बीमा प्रीमियम पर जीएसटी दरों में कमी से बीमा उद्योग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में मदद मिलेगी। इन सुधारों का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल और प्रभावी बनाना है, जिससे देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी।










