पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर की हत्या और बलात्कार के बाद हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच डॉक्टरों की मांगों को मान लिया है। मुख्यमंत्री ने कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल, चिकित्सा शिक्षा निदेशक कौस्तव नायक और स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक देबाशीष हलदर को हटाने का फैसला किया है। यह निर्णय डॉक्टरों के साथ एक बैठक के बाद लिया गया, जिसमें उन्होंने डॉक्टरों की पांच में से तीन मांगों को स्वीकार किया। सरकार ने अस्पतालों में सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और मरीज कल्याण समितियों के पुनर्निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दी है।
इस घटना के बाद जनता में गहरा आक्रोश है। लोग सरकार के इस कदम का स्वागत कर रहे हैं, लेकिन साथ ही यह भी मांग कर रहे हैं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। डॉक्टरों ने भी अपनी हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है जब तक कि सरकार द्वारा किए गए वादे ठोस कार्रवाई में नहीं बदल जाते। जनता का मानना है कि इस घटना ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों को उजागर कर दिया है और अब समय आ गया है कि सरकार इन खामियों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए।










