दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा बदलाव आया है, जब आतिशी को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में नामित किया गया है। अरविंद केजरीवाल ने आज उपराज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपने का निर्णय लिया है। आतिशी, जो वर्तमान में शिक्षा, सार्वजनिक कार्य विभाग (PWD), और कई अन्य महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल रही हैं, को आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा सर्वसम्मति से चुना गया है। आतिशी का जन्म 1981 में दिल्ली में हुआ था और उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातक किया है। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की। आतिशी ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा सुधार के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसमें ‘हैप्पीनेस करिकुलम’ और ‘एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम’ शामिल हैं।
अरविंद केजरीवाल ने आतिशी की नियुक्ति को दिल्ली के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया है और कहा कि उनके नेतृत्व में दिल्ली नई ऊंचाइयों को छुएगी। केजरीवाल ने कहा कि आतिशी के पास शिक्षा और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार का व्यापक अनुभव है और वह दिल्ली को एक बेहतर और समृद्ध शहर बनाने की दिशा में काम करेंगी। हालांकि, कुछ आलोचकों का मानना है कि यह कदम केवल राजनीतिक लाभ के लिए उठाया गया है और इससे वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं होगा। आलोचकों का कहना है कि आतिशी को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय केवल आम आदमी पार्टी की छवि को सुधारने के लिए किया गया है और इससे दिल्ली की समस्याओं का समाधान नहीं होगा।
जनता में इस निर्णय को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ लोग आतिशी के नेतृत्व में दिल्ली के विकास की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि अन्य लोग इसे केवल एक राजनीतिक चाल मान रहे हैं। आतिशी के समर्थक मानते हैं कि उनके नेतृत्व में शिक्षा और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार होगा और दिल्ली को एक नई दिशा मिलेगी। भविष्य में, आतिशी से उम्मीद की जा रही है कि वे शिक्षा और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार के अपने प्रयासों को जारी रखेंगी और दिल्ली को एक बेहतर और समृद्ध शहर बनाने की दिशा में काम करेंगी। जनता का मानना है कि आतिशी के अनुभव और उनकी नीतियों से दिल्ली को नई दिशा मिलेगी और शहर के विकास में तेजी आएगी।