बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मरांडी का कहना है कि उनकी सरकार के दौरान बालू मुफ्त में दिया जाता था, लेकिन हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद बालू घाटों को दिल्ली और मुंबई के ठेकेदारों को सौंप दिया गया है। यह आरोप उन्होंने 12 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लगाए। मरांडी ने कहा कि इससे राज्य के स्थानीय ठेकेदारों और मजदूरों को भारी नुकसान हो रहा है।
सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि बालू घाटों का ठेका पारदर्शी तरीके से दिया गया है और इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है। हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार ने बालू घाटों की नीलामी के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई है, जिससे राज्य को अधिक राजस्व प्राप्त हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मरांडी के आरोप बेबुनियाद हैं और उनका उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ उठाना है।
इस मामले की सच्चाई जानने के लिए पुलिस और प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बालू घाटों की नीलामी में बाहरी ठेकेदारों को प्राथमिकता दी गई है, जिससे स्थानीय ठेकेदारों को नुकसान हुआ है। हालांकि, सरकार का दावा है कि नीलामी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की धांधली नहीं हुई है और सभी ठेकेदारों को समान अवसर दिया गया है। इस विवाद ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है और जनता के बीच भी इस मुद्दे को लेकर चर्चा हो रही है।