ईस्टर का पर्व ईसाई समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है, और इस वर्ष 20 अप्रैल, 2025 को इसे पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन प्रभु यीशु मसीह के पुनर्जन्म की घटना हुई थी, जिसे ईसाई धर्म में अत्यंत पूजनीय माना जाता है। झारखंड में भी ईसाई समुदाय के लोग इसे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। चर्चों में प्रार्थना सभाएं आयोजित की जा रही हैं, जहां लोग प्रभु यीशु को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। इस पवित्र दिन पर, लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं और यीशु के सिखाए गए प्रेम और सेवा के संदेश का पालन करने का संकल्प लेते हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईस्टर के इस खास मौके पर सभी झारखंडवासियों को बधाई दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक संदेश साझा करते हुए कहा कि ईस्टर का पर्व हमें सदैव प्रेम, सेवा और भाईचारे का पाठ पढ़ाता है। मुख्यमंत्री ने प्रभु यीशु के पुनर्जन्म की कहानी को सभी लोगों के जीवन में प्रेरणा का स्रोत बताया। उन्होंने इस पर्व को झारखंड के सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक भी बताया, जो सभी धर्मों और समुदायों को जोड़ता है।
ईस्टर का त्योहार धार्मिक आस्था के साथ-साथ सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है। इस दिन, लोग जरूरतमंदों की सहायता करते हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित होते हैं। चर्चों में विशेष कार्यक्रमों के माध्यम से ईसाई धर्म के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला जाता है और लोगों को यीशु मसीह के आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित किया जाता है।