औरंगाबाद जिले के देव थाना क्षेत्र के बरहेता टोले मोरवा गांव में एक दुखद घटना ने पूरे समुदाय को झकझोर कर रख दिया। 29 वर्षीय संजीत कुमार, जो रामेश्वर रविदास का पुत्र था, ने बिहार पुलिस भर्ती परीक्षा की अंतिम मेरिट लिस्ट में अपना नाम न आने से निराश होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। संजीत ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया था और प्रारंभिक मेरिट लिस्ट में उनका नाम शामिल था, लेकिन अंतिम परिणाम में जगह न बना पाने ने उन्हें गहरे अवसाद में धकेल दिया। इस घटना ने उनके परिवार और गांव में गमगीन माहौल पैदा कर दिया है।

संजीत की मौत की सूचना मिलते ही देव थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल भेजा। देव थानाध्यक्ष कुमार सौरभ ने बताया कि संजीत कुमार ने सिपाही भर्ती परीक्षा में असफल होने के कारण यह आत्मघाती कदम उठाया। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और सभी संभावित पहलुओं की पड़ताल की जा रही है। अभी तक परिजनों की ओर से कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं हुई है, लेकिन पुलिस इस दुखद घटना के पीछे के कारणों को समझने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह हृदय विदारक घटना युवाओं पर प्रतियोगी परीक्षाओं के बढ़ते दबाव और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समाज में जागरूकता की कमी को उजागर करती है। संजीत की आत्महत्या ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे समाज के सामने मानसिक स्वास्थ्य सहायता और काउंसलिंग की आवश्यकता को रेखांकित किया है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकारी और सामाजिक स्तर पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि युवा असफलता के डर से इस तरह के कठोर कदम न उठाएं। पुलिस और प्रशासन से अपेक्षा है कि वे इस मामले की निष्पक्ष जांच करें और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए उचित उपाय करें।
-रिपोर्टर: दिनानाथ