झारखंड में मंईयां सम्मान योजना में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है, जिसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता चंपाई सोरेन ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला बोला है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चंपाई सोरेन ने एक अखबार की खबर साझा करते हुए घाटशिला प्रखंड के हेंदलजुड़ी पंचायत में योजना के तहत 409 लाभुकों की सूची में 174 मुस्लिम महिलाओं के नाम होने का दावा किया। चौंकाने वाली बात यह है कि इस पंचायत के आठ गांवों में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता। सोरेन ने सरकार से सवाल किया कि बिना किसी मुस्लिम परिवार के इन महिलाओं के आवेदनों का सत्यापन कैसे हुआ और उनके आधार कार्ड, राशन कार्ड, और मोबाइल नंबर कैसे स्वीकृत हुए। उन्होंने इसे गंभीर अनियमितता करार देते हुए पूरे झारखंड में ऐसी धांधली की गहन जांच की मांग की।
चंपाई सोरेन ने आदिवासी-मूलवासी महिलाओं के साथ भेदभाव का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक ओर आदिवासी और मूलवासी महिलाओं के आवेदन छोटी-छोटी कमियों के बहाने रद्द किए जा रहे हैं और उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर “घुसपैठियों” के लिए सभी कागजात आसानी से तैयार हो रहे हैं। सोरेन ने सरकार से पूछा कि इन फर्जी लाभुकों को सरकारी धन दिलवाने और संरक्षण देने वाले कौन लोग हैं। उन्होंने चाकुलिया में हजारों फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनने के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि अगर पूरे राज्य में जांच हो, तो लाखों ऐसे मामले सामने आ सकते हैं। सोरेन ने यह भी सवाल उठाया कि क्या झारखंड राज्य का गठन ऐसी अनियमितताओं और “घुसपैठियों” को शरण देने के लिए हुआ था।