17 जून 2025 को आरा के मानसरोवर कॉलोनी, अस्पताल रोड स्थित सावित्री श्याम संगीत महाविद्यालय में सात दिवसीय लोकगीत कार्यशाला का आयोजन शुरू हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. दीपक कुमार, वीणा सहाय, प्रशिक्षक नागेंद्र नाथ पाण्डेय, केंद्राधीक्षक कावेरी मोहन, विभा कुमारी, शमशाद प्रेम, और सरोज सुमन ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। उद्घाटन भाषण में डॉ. दीपक कुमार ने प्रशिक्षुओं को लोकसंस्कृति से जुड़ने और कार्यशाला का तन्मयता से लाभ उठाने की सलाह दी। केंद्राधीक्षक कावेरी मोहन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
प्रशिक्षक और लोकगायक नागेंद्र नाथ पाण्डेय ने लोकगीतों की परिभाषा और मिट्टी से जुड़े संस्कार गीतों की महत्ता बताई। उन्होंने विवाह के रीति-रिवाजों और शिव विवाह गीतों पर आधारित गीत सिखाए, साथ ही खेल गीत भी पढ़ाए। शमशाद प्रेम ने समाज में लोकगीतों में बढ़ती अश्लीलता और इसके दुष्प्रभावों पर चिंता जताई। सांस्कृतिक सत्र की शुरुआत देवी गीत “निमिया के डाढ़ी मैया…” से हुई। कार्यक्रम का संचालन सरोज सुमन ने किया, और धन्यवाद ज्ञापन शैलेंद्र कुमार सिंह ने दिया।
धर्मेंद्र ने बताया कि यह कार्यशाला प्रतिदिन शाम 4 बजे आयोजित होगी और 21 जून 2025 को विश्व संगीत दिवस के अवसर पर इसका समापन होगा। यह आयोजन आरा की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और युवाओं को लोकगीतों से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
-रिपोर्टर: श्रीवास्तव