राजधानी रांची के कोतवाली थाना क्षेत्र के कार्ट सराय रोड, अपर बाजार से एक बेहद दुखद और हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक 15 वर्षीय छात्रा ने अपनी माँ की डाँट से नाराज होकर इतना बड़ा और दर्दनाक कदम उठा लिया कि पूरे परिवार और आसपास के लोग स्तब्ध रह गए। जानकारी के अनुसार, छात्रा सोमवार को दोपहर करीब 1:30 बजे अपनी कंप्यूटर क्लास से घर लौटी थी। घर आने के बाद वह मोबाइल पर समय बिता रही थी, जिसे देखकर उसकी माँ ने उसे डाँट दिया और मोबाइल छोड़ने को कहा। इस बात से नाराज होकर छात्रा ने गुस्से में मोबाइल को जमीन पर पटक दिया और अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लिया। कुछ देर बाद परिवार वालों ने जब दरवाजा खटखटाया और आवाज दी, तो कोई जवाब नहीं मिला। अनहोनी की आशंका से घबराए परिजनों ने दरवाजा तोड़ा, तो सामने का दृश्य देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। छात्रा का शव कमरे में फंदे से लटक रहा था। मृतका के पिता ने कोतवाली थाना में अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज कराया है।
इसी तरह, रांची के बरियातू क्षेत्र के कुसुम विहार में भी एक ऐसी ही दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। यहाँ भी एक नाबालिग लड़की ने अपने माता-पिता की डाँट से आहत होकर आत्महत्या कर ली। जानकारी के मुताबिक, माता-पिता की डाँट सुनने के बाद नाराज नाबालिग ने खुद को अपने कमरे में बंद कर लिया था। काफी देर तक जब वह कमरे से बाहर नहीं निकली, तो परिजनों को कुछ गलत होने का शक हुआ। जब उन्होंने कमरे में झाँककर देखा, तो नाबालिग का शव फंदे से लटकता मिला। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी और परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है।
ये दोनों घटनाएँ न केवल दुखद हैं, बल्कि समाज और परिवारों के लिए एक गंभीर चेतावनी भी हैं। किशोरावस्था एक संवेदनशील उम्र होती है, जहाँ छोटी-छोटी बातें भी बच्चों के मन पर गहरा असर डाल सकती हैं। माता-पिता की डाँट भले ही बच्चों को सही रास्ता दिखाने के लिए हो, लेकिन इसका तरीका और समय बेहद महत्वपूर्ण है। इन घटनाओं ने मानसिक स्वास्थ्य और किशोरों के बीच बढ़ते तनाव पर ध्यान देने की जरूरत को रेखांकित किया है।