रामगढ़, झारखंड में रांची रोड पर सोनाली कुमारी की आत्महत्या ने एक दुखद मामले को और जटिल बना दिया है। श्वेता सिंह, जिन्होंने अपने भाई सौरभ सिंह की 10 दिसंबर 2024 को हुई आत्महत्या के लिए इंसाफ की मांग की थी, अब स्वयं को सोनाली की आत्महत्या के लिए आरोपी बनाए जाने का सामना कर रही हैं। श्वेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भावुक होकर बताया कि पिछले छह महीनों से वह अपने भाई के लिए निष्पक्ष जांच की मांग कर रही थीं, लेकिन कभी किसी पर व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाए। उन्होंने कहा कि सोनाली के पिता विमल यादव द्वारा उन पर दर्ज प्राथमिकी पूरी तरह आधारहीन है और उनके चरित्र पर की गई टिप्पणियां अनुचित हैं। श्वेता ने प्रशासन से मांग की कि इस मामले की गहन और निष्पक्ष जांच हो ताकि सत्य सामने आ सके।

श्वेता ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सोनाली की आत्महत्या के पीछे उनके पिता विमल यादव की संदिग्ध भूमिका हो सकती है। उन्होंने दावा किया कि रामगढ़ थाने में पूछताछ के दौरान विमल यादव ने कई बार सोनाली को मरने के लिए उकसाया और कहा कि उसकी मृत्यु से उनके परिवार का “कलंक” मिटेगा। श्वेता ने यह भी संदेह जताया कि विमल यादव ने अपनी बेटी की हत्या की हो या उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया हो। उन्होंने कहा कि विमल यादव का मकसद शुरू से उनके परिवार को बर्बाद करना रहा है, पहले उनके भाई सौरभ को नुकसान पहुंचाया और अब उन्हें झूठे केस में फंसाने की कोशिश की जा रही है। श्वेता ने उत्तरी छोटानागपुर के आईजी और रामगढ़ एसपी से इस मामले की गहराई से जांच की अपील की, ताकि उनके भाई और उनके परिवार को इंसाफ मिले।

इस मामले ने स्थानीय समुदाय में तनाव पैदा कर दिया है, और सोनाली के सुसाइड नोट में पुलिस उत्पीड़न के आरोपों ने भी जांच की दिशा को जटिल बना दिया है। श्वेता ने अपने भाई के केस से संबंधित दस्तावेज और तस्वीरें दिखाते हुए जोर देकर कहा कि वह और उनका परिवार इस मामले में निर्दोष हैं। उन्होंने कानून और पुलिस पर भरोसा जताया और उम्मीद व्यक्त की कि निष्पक्ष जांच से सच सामने आएगा।
-रिपोर्ट: कुमार मिश्रा