रामगढ़, झारखंड: झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के अल्पसंख्यक मोर्चा ने राज्य में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए महामहिम राज्यपाल से मुलाकात की और इन घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कानून बनाने की मांग की। अल्पसंख्यक मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष आजाद हुसैन अंसारी ने कहा कि हाल के वर्षों में झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटनाएँ चिंताजनक रूप से बढ़ी हैं, और इनका सबसे अधिक शिकार अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई मामलों में अल्पसंख्यक व्यक्तियों की छोटी-मोटी गलतियों को भीड़ द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है, और उन्हें प्रशासन के हवाले करने के बजाय बेरहमी से पीटा जाता है, जिससे उनकी मृत्यु तक हो जाती है। इस मुलाकात में अखलाक अंसारी, शेख शाहिद, अयूब अली, एनामुल अंसारी, सुभान अंसारी, और हसमुद्दीन अंसारी जैसे प्रमुख नेता शामिल थे।
आजाद हुसैन अंसारी ने बरकट्ठा (हजारीबाग), जमशेदपुर, रांची, और हाल ही में बोकारो जिले में हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये घटनाएँ राज्य के सामाजिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए न केवल सख्त कानून की आवश्यकता है, बल्कि प्रशासन को भी त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करनी होगी। अंसारी ने यह भी आरोप लगाया कि कई मामलों में पुलिस और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता के कारण भीड़ को हिंसा के लिए प्रोत्साहन मिलता है। JLKM अल्पसंख्यक मोर्चा ने मांग की कि सरकार ऐसी घटनाओं के दोषियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करे और पीड़ितों को तत्काल न्याय और सहायता प्रदान करे।
यह मुलाकात झारखंड में मॉब लिंचिंग के खिलाफ बढ़ते आक्रोश और अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग को रेखांकित करती है। JLKM के प्रदेश मीडिया प्रभारी रमेश कुमार महतो ने बताया कि यह मोर्चा न केवल अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि राज्य में सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने के लिए भी निरंतर प्रयासरत है। इस मुलाकात ने राज्य सरकार और प्रशासन पर दबाव बढ़ाया है कि वे मॉब लिंचिंग जैसी जघन्य घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएँ।
-रिपोर्ट:- कुमार मिश्रा