रामगढ़, झारखंड के भुरकुंडा स्थित श्री अग्रसेन स्कूल में शनिवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) पटना द्वारा शिक्षकों के लिए एक दिवसीय ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इस ट्रेनिंग का विषय “लर्निंग आउटकम्स एंड पेडागोजी” था, जिसका उद्देश्य शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण विधियों और छात्रों के सीखने के परिणामों के मूल्यांकन की तकनीकों से अवगत कराना था। कार्यक्रम का उद्घाटन CBSE रिसोर्स पर्सन रवनीत कौर, सोनी कुमारी पांडेय और स्कूल प्राचार्य सह वेन्यू डायरेक्टर विवेक प्रधान ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया। प्राचार्य ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए ट्रेनिंग के महत्व पर प्रकाश डाला। इस सत्र में पटना रीजन के विभिन्न स्कूलों से आए शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

ट्रेनिंग सेशन में रवनीत कौर ने शिक्षा को एक गतिशील और सजीव प्रक्रिया बताया, जिसमें शिक्षक और विद्यार्थी के बीच निरंतर संवाद होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का दायित्व है कि वे यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक कक्षा या गतिविधि के अंत में छात्रों ने क्या सीखा और इसे कैसे लागू किया। रवनीत ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप शिक्षकों के पेशेवर विकास और निरंतर सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं, सोनी कुमारी पांडेय ने शिक्षकों को सलाह दी कि वे कक्षा में छात्रों को सक्रिय रखें, समूह चर्चा और गतिविधियों को प्रोत्साहित करें, और उनके प्रश्नों का त्वरित समाधान करें। दोनों रिसोर्स पर्सन्स ने शिक्षण को रुचिकर, उद्देश्यपूर्ण और प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न तकनीकों और गतिविधियों का प्रदर्शन किया, जिन्हें शिक्षकों ने बड़े ध्यान से सीखा।

ट्रेनिंग के दौरान शिक्षकों को कई त्वरित गतिविधियों में शामिल किया गया, जिससे उन्होंने व्यावहारिक रूप से नई शिक्षण विधियों को समझा। कार्यशाला का समापन प्रतिभागियों के मूल्यांकन, फीडबैक और धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। इस ट्रेनिंग ने शिक्षकों में न केवल नई ऊर्जा भरी, बल्कि उन्हें छात्रों को अधिक प्रेरित और सक्रिय बनाने की दिशा में भी प्रेरित किया।
-रिपोर्ट:- कुमार मिश्रा