- बालूमाथ में नक्सली वारदात पर डीआईजी सख्त, कहा– मूकदर्शक बने जवानों पर होगी कड़ी कार्रवाई
- फायरिंग और हाईवा में आग लगाने की घटना को बताया सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक
लातेहार। बालूमाथ थाना क्षेत्र के मगध परियोजना अंतर्गत चढ़तापहाड़ इलाके में बीती रात कुख्यात अपराधी राहुल दुबे गिरोह ने एक हाईवा वाहन में आग लगा दी और मौके पर अंधाधुंध फायरिंग की।
इस गंभीर वारदात पर पलामू रेंज के डीआईजी नौशाद आलम ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि घटना के वक्त लगभग 40 एसआईएसएफ जवान मौके पर मौजूद थे, जो पूरी तरह हथियारों से लैस थे, फिर भी कोई प्रतिरोधात्मक कार्रवाई नहीं की गई, जो कि सुरक्षा व्यवस्था की सीधी विफलता को दर्शाता है।
डीआईजी आलम ने कहा कि इस तरह की चूक अस्वीकार्य है। जिस टीम के पास बल और संसाधन थे, वह मूकदर्शक बनी रही। यह गंभीर लापरवाही है। इसलिए संबंधित टीम लीडर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि बालूमाथ थाना से एक योग्य अधिकारी को तत्काल मौके पर भेजा गया है, जो स्थिति की निगरानी और अगली कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।
डीआईजी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब समय खामोश रहने का नहीं, बल्कि ठोस जवाब देने का है। आने वाले समय में नक्सली गतिविधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा और हर स्तर पर सख्ती बरती जाएगी। उन्होंने कहा किवीअपराधियों को यह स्पष्ट संदेश देना होगा कि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था कमजोर नहीं है। हर लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने न केवल सुरक्षा बलों की सक्रियता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी साफ कर दिया है कि भविष्य की रणनीति और व्यवस्था को और अधिक आक्रामक व सतर्क बनाए जाने की जरूरत है।
डीआईजी नौशाद आलम ने एसआईएसएफ के कमांडेंट से मोबाइल पर बातचीत कर जवानों को मोटिवेट करने का निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि मौके पर केवल प्रशिक्षित और मानसिक रूप से तैयार जवानों को ही तैनात किया जाए तथा कमांडेंट स्वयं इसकी समीक्षा करें।