रामगढ़ के राधा गोविंद विश्वविद्यालय में 23 जुलाई 2025 को इतिहास विभाग ने स्वतंत्रता संग्राम के दो महान नायकों, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद की जयंती के अवसर पर एक विशेष व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को इन क्रांतिकारियों के जीवन, संघर्ष और देश के लिए उनके योगदान से परिचित कराना था। इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. पूनम ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए तिलक के प्रसिद्ध नारे “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है” को याद किया और उनके सामाजिक-सांस्कृतिक योगदान को रेखांकित किया। मंच संचालन डॉ. ममता कुमारी ने किया, जिन्होंने विद्यार्थियों को इन महापुरुषों के आदर्शों से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बी. एन. साह ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे तिलक और आजाद के बलिदानों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दें। उन्होंने कहा कि इन स्वतंत्रता सेनानियों के विचार आज भी युवा पीढ़ी के लिए प्रासंगिक हैं। सचिव प्रियंका कुमारी ने भी विद्यार्थियों से अपील की कि वे इन वीरों के जीवन से सीख लेकर समाज और देश की सेवा में आगे आएं। कार्यक्रम में कुलसचिव प्रो. डॉ. निर्मल कुमार मंडल, वित्त एवं लेखा पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार, परीक्षा नियंत्रक प्रो. डॉ. अशोक कुमार, प्रबंध समिति के सदस्य अजय कुमार, विभिन्न विभागों के शिक्षक, शोधार्थी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए, जिसने इस आयोजन को और भी गरिमामय बना दिया।
कार्यक्रम का समापन “वंदे मातरम्” की सामूहिक प्रस्तुति के साथ हुआ, जिसने उपस्थित सभी लोगों में देशभक्ति की भावना को और प्रगाढ़ किया। इतिहास विभाग की यह पहल न केवल विद्यार्थियों को स्वतंत्रता संग्राम के गौरवशाली इतिहास से जोड़ने में सफल रही, बल्कि युवाओं में राष्ट्रीय चेतना और जिम्मेदारी की भावना को जागृत करने में भी महत्वपूर्ण साबित हुई।
रिपोर्ट:- कुमार मिश्रा