“JSLPS समूह से मिलकर ममता देवी की प्रेणादायक कहानी”
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रामगढ़: ममता देवी की कहानी झारखंड के रामगढ़ जिले के चितरपुर प्रखंड के चितरपुर उत्तरी पंचायत की एक प्रेरणादायक मिसाल है, जो बताती है कि आत्मनिर्भरता और दृढ़ संकल्प से जीवन में कैसे बदलाव लाया जा सकता है। ममता देवी का विवाह 2003 में हुआ था। उनके पति शादी से पहले से ही बाहर मजदूरी का काम करते थे, जिससे ममता देवी को घर की छोटी मोती जरूरतों को पूरा कर पाती थी और आर्थिक तंगी के कारण उन्हें अपने बच्चों की शिक्षा और घर चलाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता था।
- जेएसएलपीएस से जुड़ाव और आजीविका की शुरुआत
2018 में, ममता देवी (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइट) JSLPS से जुड़कर आनंदी आजीविका सखी मंडल की सदस्य बनीं। उन्होंने नियमित बचत करना शुरू किया और ममता देवी के नियामिक्ता बैठक, बचत, लिखने के तरीके को देखते हुए उन्हें समूह का बुक कीपर और ग्राम संगठन का लेखापाल रखा गया । ममता देवी ने अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने की ठानी और सबसे पहले ₹10,000 का लघु ऋण लेकर श्रृंगार स्टोर की स्थापना की। छोटे-मोटे सौंदर्य प्रसाधनों की बिक्री से उन्होंने आधार बनाया। थोड़े समय में ₹25,000 का दूसरा ऋण लेकर व्यापार विस्तार की दिशा में कदम बढ़ाया। उसके बाद, उन्होंने ₹70,000 का CCL ऋण के माध्यम से लिया और उस राशि से पार्लर के लिए आवश्यक सामग्री-कुर्सी, शीशे, सहायक उपकरण आदि खरीदे। इस पूंजी निवेश ने उनके पार्लर को एक प्रोफेशनल स्वरूप दिया।
- आर्थिक सशक्तिकरण और जीवन में बदलाव
अब ममता देवी का पार्लर अच्छी तरह से चल रहा है, जिससे उनकी मासिक आय ₹15,000 से ₹18,000 तक हो गई है और वार्षिक आय 1.5 लाख से अधिक हो रही है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, बल्कि उनके परिवार की जीवन शैली में भी बड़ा बदलाव आया है। वे अब अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला रही हैं और बेहतर भोजन और स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त कर रही हैं।
आज ममता देवी न सिर्फ एक व्यवसायी हैं, बल्कि एक प्रेरक है। उनकी कहानी आसपास की महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करती है। जब एक महिला सफल होती है तब पूरे समुदाय में विश्वास और क्षमता की मानसिकता जागती है। राज्य में JSLPS (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइट) की पहल ने महिलाओं को ऋण सुविधा, मार्केट लिंकिंग, प्रशिक्षण और बिजनेस सेटअप की जानकारी उपलब्ध कराकर उन्हें व्यवसायी के रूप में स्थापित किया है
ममता देवी की यह यात्रा दिखाती है कि सही मार्गदर्शन, आत्मविश्वास और परिश्रम से कोई भी महिला आत्मनिर्भर बन सकती है और समाज में एक प्रेरणास्रोत बन सकती है। उन्होंने वित्तीय अनुशासन में विश्वास रखा। ऋण चुकाने की जिम्मेदारी निभाई और धीरे धीरे अपना ऋण समय पर वापिस कर रही है। ममता देवी की कहानी साधारण जीवन से एक साहसिक, सशक्त जीवन की ओर एक प्रेरणास्पद यात्रा है। उन्होंने न सिर्फ अपने परिवार की दिशा बदली, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक मॉडल प्रस्तुत किया। उनकी उपलब्धियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब महिलाओं को अवसर और समर्थन मिले, तब वे चमत्कार कर सकती हैं।