- झारखंड की शिक्षा व्यवस्था प्रयोगशाला बन चुकी है: रामेश्वर गोप
रांची – जय भारत मंच के प्रदेश अध्यक्ष श्री रामेश्वर गोप ने झारखंड में शिक्षा की वर्तमान स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार की उदासीनता के चलते गरीब, वंचित और पिछड़े वर्गों के बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि झारखंड के ग्रामीण एवं दूरदराज क्षेत्रों में शिक्षा का एकमात्र सहारा सरकारी विद्यालय हैं, जहां वर्षों से पारा शिक्षक सीमित संसाधनों के बावजूद निष्ठा और समर्पण के साथ बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। बावजूद इसके, राज्य सरकार की ओर से इन शिक्षकों और विद्यालयों को मजबूत करने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।
श्री गोप ने आरोप लगाया कि राज्य के शिक्षा विभाग को एक प्रयोगशाला बना दिया गया है, जहां निरंतर नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, बल्कि शिक्षकों को शिक्षण कार्य छोड़कर अन्य गैर-शैक्षणिक गतिविधियों में जबरन लगाया जा रहा है। यह स्थिति छात्रों के शैक्षणिक हितों के खिलाफ है।
उन्होंने कहा, “झारखंड की सरकार यदि वास्तव में शिक्षा के सुधार को लेकर गंभीर है, तो उसे पारा शिक्षकों की स्थिति सुदृढ़ करनी होगी, सरकारी विद्यालयों में आधारभूत सुविधाएं सुनिश्चित करनी होंगी और शिक्षा को प्राथमिकता के रूप में देखना होगा।”
जय भारत मंच ने राज्य सरकार से मांग की है कि शिक्षा क्षेत्र को राजनीति और प्रयोगों से मुक्त कर व्यावहारिक और ज़मीनी स्तर पर सुधार लाने के लिए ठोस नीति बनाई जाए।