रामगढ़, झारखंड में कर्णधार रामगढ़ के संस्थापक श्री विक्रांत ने एक बार फिर सामाजिक सेवा की मिसाल कायम की। 31 जुलाई 2025 को, जब उन्हें एक जरूरतमंद मरीज के लिए रक्त की आवश्यकता की सूचना मिली, उन्होंने तुरंत रक्तदान कर एक अनमोल जीवन बचाने में योगदान दिया। यह कार्य न केवल उनकी संवेदनशीलता और तत्परता को दर्शाता है, बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणादायक संदेश भी देता है। विक्रांत, जो लंबे समय से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं, ने कहा कि किसी की जान बचाना उनके लिए सबसे बड़ा धर्म है। उनका यह कदम स्थानीय समुदाय में एक नई उम्मीद की किरण बनकर उभरा।
विक्रांत की इस पहल की सराहना स्थानीय अस्पताल प्रशासन और मरीज के परिजनों ने दिल खोलकर की। परिजनों ने बताया कि समय पर रक्त उपलब्ध होने से मरीज की जान बच गई, और इसके लिए वे विक्रांत के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। अस्पताल प्रशासन ने भी उनके इस कार्य को मानवता की सच्ची सेवा बताते हुए इसे एक प्रेरणादायक उदाहरण माना। कर्णधार रामगढ़ संस्था, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में निरंतर कार्यरत है, विक्रांत के इस प्रयास से और मजबूत हुई। यह घटना दर्शाती है कि व्यक्तिगत स्तर पर उठाया गया एक छोटा कदम भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है।
रामगढ़ में रक्तदान जैसे कार्यों की आवश्यकता को देखते हुए विक्रांत का यह प्रयास अन्य लोगों को भी प्रेरित कर रहा है। उनकी संस्था, कर्णधार रामगढ़, सामाजिक उत्थान के लिए कई पहल चला रही है, और यह रक्तदान इसका एक और उदाहरण है। विक्रांत ने कहा कि वे और उनकी संस्था भविष्य में भी जरूरतमंदों की मदद के लिए तत्पर रहेंगे।
रिपोर्ट:- कुमार मिश्रा