- “सतत विकास की ओर एक और कदम” – गढ़वा में पंचायत उन्नति सूचकांक (PAI) पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
- पंचायती राज एक केंद्र बिंदु के रूप में उभर कर सामने आ रहा-उपायुक्त
गढ़वा। सतत विकास के लक्ष्यों (SDG) को जमीनी स्तर तक पहुंचाने और शासन को अधिक प्रभावी एवं जवाबदेह बनाने की दिशा में भारत सरकार के पंचायत राज मंत्रालय द्वारा एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। इस पहल के अंतर्गत पंचायत उन्नति सूचकांक (Panchayat Advancement Index – PAI) तैयार किया गया है, जो देशभर के 2 लाख 50 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों के प्रदर्शन को मापने का एक प्रभावशाली और परिवर्तनकारी उपकरण है।

PAI का उद्देश्य न केवल पंचायतों के कार्यों का मूल्यांकन करना है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की वास्तविक स्थिति को समझते हुए भविष्य की नीतियों को सशक्त बनाना भी है। यह सूचकांक स्थानीयकृत सतत विकास लक्ष्यों (Localized SDGs) के अनुरूप तैयार किया गया है और इसमें नौ प्रमुख विषय शामिल हैं:
- गरीबी मुक्त एवं बेहतर आजीविका वाली पंचायत – रोजगार, आय के अवसर और गरीबी उन्मूलन पर जोर।
- स्वस्थ पंचायत – स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता।
- बाल-अनुकूल पंचायत – बच्चों के अधिकार, शिक्षा, पोषण एवं सुरक्षा।
- जल-पर्याप्त पंचायत – स्वच्छ पेयजल, जल संरक्षण और प्रबंधन।
- स्वच्छ एवं हरित पंचायत – कचरा प्रबंधन, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण।
- आत्मनिर्भर पंचायत – स्थानीय उत्पादन, स्वरोजगार और आर्थिक स्वावलंबन।
- सामाजिक न्याय एवं सुरक्षित पंचायत – सभी वर्गों के लिए समान अवसर और सुरक्षा।
- सुशासन युक्त पंचायत – पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन।
- महिला-अनुकूल पंचायत – महिलाओं की भागीदारी, नेतृत्व और सशक्तिकरण।
इन विषयों के माध्यम से न केवल पंचायतों के वर्तमान प्रदर्शन का आकलन होता है, बल्कि उनकी कमजोरियों और संभावनाओं की पहचान भी की जाती है, जिससे पंचायतें अपने विकास की दिशा में ठोस कदम उठा सकें।

इसी क्रम में, पंचायत उन्नति सूचकांक (PAI 1.0) से प्राप्त आंकड़ों के प्रसार और विश्लेषण के उद्देश्य से आज दिनांक 14 अगस्त 2025 को टाउन हॉल, गढ़वा में जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी दिनेश कुमार यादव, जिला परिषद अध्यक्ष शांति देवी, जिला परिषद उपाध्यक्ष सत्यनारायण यादव, उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्रा, अपर समाहर्ता राज महेश्वरम, पंचायती राज पदाधिकारी प्रमेश कुशवाहा, आपूर्ति पदाधिकारी देवानंद राम, अनुमंडल पदाधिकारी नगर ऊंटरी प्रभाकर मिर्धा, अनुमंडल पदाधिकारी रंका रुद्र प्रताप सहित पंचायत प्रतिनिधियों, जिला एवं प्रखंड स्तरीय अधिकारियों, विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों तथा विशेषज्ञों ने भाग लिया।

कार्यशाला के दौरान पंचायती राज पदाधिकारी प्रमेश कुशवाहा ने उपस्थित प्रतिभागियों को PAI से प्राप्त आंकड़ों की विस्तृत जानकारी दी गई तथा पंचायत स्तर पर विकास की प्राथमिकताओं को रेखांकित किया। साथ ही, सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए स्थानीय स्तर पर योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और सुशासन की दिशा में ठोस रणनीतियाँ तैयार की गईं।

डीडीसी पशुपतिनाथ मिश्रा ने बताया कि यह आयोजन न केवल पंचायतों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि ग्रामीण भारत के समग्र और सतत विकास के लिए एक मजबूत आधारशिला भी सिद्ध होगा।
- कार्यशाला में विभिन्न बिंदुओं पर महत्वपूर्ण चर्चाएं
कार्यक्रम में PAI डेटा के आधार पर पंचायतों की रैंकिंग और प्रदर्शन का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया तथा कमजोर क्षेत्रों की पहचान कर सुधारात्मक रणनीतियाँ तय की गई। वहीं सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) को अधिक प्रभावी बनाने को लेकर चर्चा की गई। पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका और जिम्मेदारियां भी तय की गई। विकास योजनाओं में जन भागीदारी और पारदर्शिता बढ़ाने के उपाय पर बल दिया गया।
- भविष्य की दिशा को लेकर उपायुक्त ने कहा कि-
उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने अपने संबोधन में कहा कि पंचायती राज एक केंद्र बिंदु के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। पंचायत का महत्व बहुत ही अधिक है और इस दिशा में बहुत ही ज्यादा कार्य करने की अभी आवश्यकता है। इसके लिए हमें सरकारी योजनाओं को धरातल पर लागू करना होगा। जिससे की पंचायत के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को योजनाओं का सही से लाभ मिल सके और इसी तरह के अन्य कार्यों को धरातल पर उतार कर पंचायत को मजबूत बनाया जा सकता है।
उन्होंने यह संकल्प व्यक्त किया कि PAI के माध्यम से प्राप्त निष्कर्षों का उपयोग केवल मूल्यांकन के लिए नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर वास्तविक परिवर्तन लाने के लिए किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन, स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में ठोस परिणाम प्राप्त करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

यह पहल गढ़वा जिले को न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगी। पंचायत उन्नति सूचकांक के माध्यम से विकास की दिशा में उठाया गया यह कदम, ग्रामीण भारत के सतत और समावेशी विकास की आधारशिला बनेगा। उपायुक्त श्री यादव द्वारा जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रखंड प्रमुख संबोधित करते हुए कहा गया कि प्रत्येक प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रमुख अपने स्तर से अपने प्रखंडों के किसी एक आमुख पंचायत को मॉडल पंचायत (आदर्श पंचायत) के रूप में चिन्हित कर कार्य करें एवं पंचायत को विकसित करें। उन्होंने कहा कि पंचायत उन्नति सूचकांक के जो भी इंडेक्स यहां प्रस्तुत किए गए हैं सभी के विषय में विस्तृत ट्रेनिंग दिया जा रहा है। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी अपने-अपने प्रखंडों के पंचायत में नियमित भ्रमण करें तथा सभी कार्य सुचारू रूप से चल रहे हैं इस बात की सुनिश्चितिकरण करें। पंचायत को नेचुरल एवं सस्टेनेबल रूप से विकसित करते हुए फंक्शनल बनाएं। PAI में बेहतर स्कोर हासिल करने के उद्देश्य से उपायुक्त ने पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों को समन्वय बनाकर कार्य करने की बात कही।
प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर पंचायत उन्नति सूचकांक में बेहतर प्रदर्शन करने वाले जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। पंचायत उन्नति सूचकांक में ओवरऑल बेहतर प्रदर्शन करने के लिए नगर उंटारी प्रखंड के बिलासपुर पंचायत के मुखिया को सम्मानित किया गया। इस दौरान उपायुक्त दिनेश कुमार यादव द्वारा पंचायत उन्नति सूचकांक (PAI-1.0) संस्करण रिपोर्ट का मंच से विमोचन भी किया गया।










