- चक्रवाती वर्षा से हुई फसल क्षति की भरपाई हेतु किसानों से तत्काल सूचना देने की अपील
गढ़वा। उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी दिनेश यादव ने बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (B-PMFBY), कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखंड सरकार द्वारा जारी निर्देशों के आलोक में जानकारी दी है कि हाल ही में आए चक्रवाती तूफान एवं भारी वर्षा से जिले के कई प्रखंडों में फसलों को नुकसान पहुँचा है।
इस परिस्थिति में उपायुक्त ने जिले के सभी किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसलों की हुई क्षति की सूचना निर्धारित समय सीमा के भीतर अवश्य दें, ताकि उन्हें बीमा योजना एवं आपदा प्रबंधन सहायता का लाभ समय पर मिल सके।
- फसल क्षति की सूचना देने की समय सीमा
फसल या उपज को नुकसान होने पर किसान को 72 घंटे (तीन दिन) के भीतर सूचना देना अनिवार्य है।
यह समय सीमा बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (B-PMFBY) के नियमों के अनुसार तय की गई है।
- फसल क्षति की सूचना देने के तरीके
टोल-फ्री नंबर के माध्यम से: किसान सीधे टोल-फ्री नंबर 14447 पर कॉल कर अपनी फसल हानि की सूचना दर्ज करा सकते हैं।
व्हाट्सएप के माध्यम से: किसान +91 7065514447 पर व्हाट्सएप संदेश भेजकर आवश्यक जानकारी व फोटो साझा कर सकते हैं।
कार्यालय के माध्यम से: किसान अपने प्रखंड के सहकारिता कार्यालय या जिला कृषि पदाधिकारी के कार्यालय में जाकर भी सूचना दे सकते हैं।
- बीमा रहित किसानों के लिए विशेष प्रावधान
जिन किसानों ने बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बीमा नहीं कराया है, वे अपने खेत का जियो-टैग फोटोग्राफ, फसल का विवरण एवं रकवा (क्षेत्रफल) दर्ज करते हुए आवेदन संबंधित अंचल अधिकारी के कार्यालय में जमा करें।
ऐसे किसानों को आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से उचित मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
- प्रशासनिक दिशा-निर्देश
उपायुक्त श्री यादव ने सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में कर्मचारी एवं पंचायत सेवकों को भेजकर फसल क्षति का शीघ्र आकलन कराएं, ताकि प्रभावित किसानों को समय पर राहत मिल सके।
उन्होंने स्पष्ट किया कि बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत केवल फसल कटाई के उपरांत 14 दिनों के भीतर हुई क्षति ही बीमा दावे के लिए पात्र मानी जाएगी। अतः किसानों को सलाह दी जाती है कि वे 72 घंटे के भीतर सूचना देना न भूलें।
- उपायुक्त की अपील
उपायुक्त श्री यादव ने कहा कि “जिले के सभी किसान भाई-बहनों से अनुरोध है कि वे समय पर फसल क्षति की सूचना दें, ताकि सरकार द्वारा निर्धारित बीमा राशि एवं आपदा सहायता शीघ्रता से उपलब्ध कराई जा सके।”










