रांची. प्रदेश में 60-40 नियोजन नीति को लेकर झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन लगातार प्रदर्शन कर रहा है। इसको लेकर यूनियन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि पिछले तीन महीने से 60_40 हकमार नियोजन नीति के खिलाफ लगातार कई डिजिटल-फिजिकल आंदोलन सफल रहा। फिर सरकार छात्रों की मांग पर ठोस निर्णय नहीं ले रही है, उसी के विरोध में झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन संथाल परगना ईकाई द्वारा आज संथाल परगना बंद बुलाया गया था, जो एतिहासिक सफल रहा।
यूनियन ने बताया कि हजारों की संख्या में छात्र सड़क पर उतरकर चट्टानी एकता का परिचय देते हुए बंदी कराया, हेमंत सरकार के विरोध में आक्रोशित छात्रों ने खुलकर नारेबाज़ी की, सड़क सुनसान रही, सड़क पर मोटर साइकिल तक नहीं चली, मार्केट पूरी तरह सन्नाटा रहा, स्टूडेंट यूनियन का सरकार से मांग है कि 60_40 हकमार नियोजन नीति को वापस करते हुए खातियान आधारित नियोजन नीति लागू किया जाए, ओबीसी वर्गों का न्याय करते हुए जनसंख्या अनुपात आरक्षण रोस्टर जारी किया जाए, प्रतियोगिता परीक्षा फॉर्म भरते समय स्थानीय प्रमाण पत्र क्रमांक संख्या भरना अनिवार्य किया जाए, राज्य के सभी राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय परीक्षाओं में क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा की परीक्षा अनिवार्यत किया जाए, सभी प्रतियोगिता परीक्षा में झारखंड सामन्य ज्ञान का एक स्पेशल पेपर रखा जाए, जिसमें झारखंड की रीति रिवाज, भाषा संस्कृति परम्परा पर आधारित हो।
झारखंडी छात्रों के लिए उम्र सीमा में 5 वर्ष की विशेष छुट हो, उत्तराखंड के तर्ज़ पर पेपर लीक कानून बनाया जाएl अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो आगे आंदोलन जारी रहेगा। आगामी 3 अप्रैल को कोल्हान के सरायकेला खरसवां में छात्रों का आक्रोश मार्च निकलेगा, आगे सम्पूर्ण झारखण्ड का चक्का जाम किया जाए।










