रांची. आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर जयंती के मौके पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। विषय था, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जीवनी और भारतीय समाज के प्रति उनका योगदान। मुख्य वक्ता के तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में विधान परिषद सदस्य, पीएमआईआर, पटना विश्वविद्यालय, प्रो संजय पासवान मौजूद थे। इस दौरान प्रो. संजय पासवान ने डीएसपीएमयू में विद्यार्थियों से भरे सभागार में अपने उद्बोधन में कहा कि किसी भी समाज का मूल्यांकन इस बात से किया जाता है कि उसमें महिलाओं की क्या स्थिति है।
डॉ. आंबेडकर महिलाओं की उन्नति के प्रबल पक्षधर थे। आजाद भारत के पहले कानून मंत्री के रूप में उन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठाएं। 1951 में उन्होंने हिंदू कोड बिल संसद में पेश किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री और विधान परिषद सदस्य प्रो. संजय पासवान ने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि अपनी मातृभाषा में अपनी बातों को अभिव्यक्त करने पर बल दें। इसके द्वारा आप अपने आत्मविश्वास की वृद्धि कर पाएंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ. तपन कुमार शांडिल्य ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को आर्थिक और सामाजिक न्याय के प्रणेता का तौर पर स्मरण करते हुए कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर ने दलितों और अछूतों में एक नई जागृति लाई।
उन्होंने आगे अपने उद्बोधन में कहा कि डॉ. आंबेडकर ने समाज में समानता लाने के लिए शिक्षा को महत्वपूर्ण माना। उनके अनुसार जिनकी बुद्धि गुलाम है, वह शिक्षा के माध्यम से इस गुलामी से निकल सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि हमें डॉ. आंबेडकर की समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे के पथ को जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने बाबा साहेब का उल्लेख करते हुए बताया कि डॉ. आंबेडकर ने राजनैतिक न्याय के लिए सामाजिक न्याय को आवश्यक बताया था। इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
अतिथियों का स्वागत डॉ. विनय भरत ने किया। धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कुलसचिव डॉ. नमिता सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय परिवार उपस्थित विद्वतजनों के अलावा विद्यार्थियों को भी बधाई देता है कि उन्होंने इनके उद्बोधन को सुना और उसे आत्मसात करने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर डॉ. पंकज कुमार, डॉ. विनय भरत, डॉ. अशोक नाग, डॉ. अभयकृष्ण सिंह, प्रो. राजेश कुमार सिंह, डॉ. जिंदर सिंह मुंडा, प्रियांश कुमार, डॉ. शमा सोनाली, डॉ. रीना नंद, डॉ. शुचि बरवार, सौरभ कुमार, कर्मा कुमार और बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। यह जानकारी पीआरओ प्रो. राजेश कुमार सिंह ने दी है।










