दो दिनों पहले झारखंड के सीएम और जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से मुलाकात के बाद बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव दिल्ली में हैं. उन्होंने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की. तेजस्वी ने इस मुलाकात को वर्तमान सामाजिक,राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा बताया. साथ ही कहा की बीजेपी सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों, संसाधनों, राष्ट्रीय संपत्ति और देश को पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रख दिया है. हम सबों को मिलकर देश बचाना है. लेकिन मुलाकात हुई है तो मायने भी निकलने जरुरी हैं.
बिना कांग्रेस तीसरे मोर्चे की तैयारी ?
सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस को साइड रख तेजस्वी भी उस तीसरे मोर्चे की तरफ बढ़ रहे जिसके चर्चा देश की राजनीति पर समय-समय पर होती है. हाल में बिहार सरकार में अपने सहयोगी कांग्रेस को मंत्रिमंडल विस्तार के मामले में खरीखरी सुनाने वाले तेजस्वी यादव ने अपने पिता लालू यादव के स्वास्थ्य को देख आरजेडी का पूरा कमान संभाल रखा है.
कई दलों के मुखिया से मिले तेजस्वी
बिना कांग्रेस के तीसरे मोर्चे की वकालत करने वाले तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस के मुखिया के. चंद्रशेखर राव ने भी कुछ महीने पहले पटना में तेजस्वी से मुलाकात की थी. महाराष्ट्र की राजनीति में नई राह पकड़ने वाली शिवसेना से आदित्य ठाकरे और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी भी कुछ महीने पहले खुद राबड़ी देवी के घर पहुंची थी. एनडीए को छोड़ महागठबंधन में लौटने के बाद से नीतीश और उनका दल जेडीयू भी कई मामलों में खुलकर तेजस्वी की तरफदारी करता दिखता है. ऐसे में क्या तेजस्वी भी किसी नए राजनीतिक समीकरण को गढ़ रहे हैं. सियासत में कुछ भी संभव है. बस सही वक्त का इंतजार कीजिये.