बस्तर : अभी तक आपने सुना होगा बीटेक चायवाला, बेरोजगार चायवाला, ग्रेजुएट चायवाला, पत्रकार चायवाला आदि कई नामों से देशभर में ये मशहूर हो गयें हैं। लेकिन आपने अभी तक ये नहीं सुना होगा कि कोई डॉक्टर चाय वाला भी हो सकता है। अब इसकी भी इंतजार खत्म हो गई है। ये लोग तो अपने लिये कमाई का साधन बनाए हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ के बस्तर में रहने वाले युवक की कहानी कुछ और ही है। वे सरकारी अस्पताल के बाहर ‘डॉक्टर चाय वाला’ स्टॉल खोलकर न सिर्फ आत्मनिर्भर हैं बल्कि समाजसेवा भी कर रहे हैं। युवक का नाम अशोक जायसवाल है। जो ‘डॉक्टर चाय वाला’ के नाम से मशहूर हो गये हैं। वे चाय बेचकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मुफ्त में दवा भी दिलाते हैं और गर्भवती महिलाओं को दूध, गर्मपानी की व्यवस्था भी फ्री में करते हैं।
2015 से चाय की गुमटी चला रहे हैं अशोक
अशोक ने बताया कि वह शहर के महारानी अस्पताल के सामने वे 2015 से अपनी चाय की गुमटी चला रहे हैं। चायवाला के नाम से मशहूर 30 साल का अशोक जयसवाल उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के रहने वाला है। वह 2004 में जगदलपुर आया था।
आमदनी से कुछ पैसे बचा कर लोगों का करते हैं सेवा
इस दौरान उसने अस्पताल के सामने चाय की दुकान शुरू की। धीरे-धीरे उनका कारोबार बढ़ता गया। अशोक हर माह 30 से 40 हजार रुपये चाय बेचकर कमाने लगा। फिर अपनी आमदनी से कुछ पैसे बचा कर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद करने लगा।
1500 रुपये की दवा मुफ्त दिलाते हैं अशोक
अशोक ने अपनी दुकान पर एक बोर्ड भी लगवाया है, जिसमें उसने लिखवाया है कि किसी भी प्रकार के जरूरतमंद मरीजों के लिए वह 1500 रुपये तक की दवा अपने खर्चे पर दिला देंगे। इसके अलावा बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं और बच्चों के लिए दूध के पैसे नहीं लेंगे। अशोक ने बताया कि जब वह छोटे थे, तब उनकी नानी उन्हें डॉक्टर कहकर पुकारा करती थी। वह डॉक्टर तो नहीं बन पाए, लेकिन अपनी चाय की गुमटी का नाम डॉक्टर चायवाला रखा। अशोक द्वारा सार्वजनिक प्याऊ भी चलाया जाता है।
अशोक की पैरवी पर डॉक्टर भी मरीजों की करते हैं मदद
चाय के ठेले पर लोग शहर के कोने-कोने से चाय पीने आते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अशोक की चाय पीने की सबसे बड़ी वजह यह भी है कि वह आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद करता है। अशोक के इस प्रयास की हर तरफ जमकर तारीफ हो रही है।
निशुल्क दवाई वितरित करने के लिए उन्होंने बकायदा महारानी अस्पताल के डॉक्टरों से संपर्क किया। डॉक्टरों की सिफारिश पर अशोक गरीब और असहाय मरीजों को अपनी ओर से निशुल्क दवाई मुहैया करवा देते हैं।