Desk. औद्योगिक जगत की शान टाटा समूह की नींव जमशेदजी टाटा ने रखी थी। जमशेदजी टाटा का जन्म 3 मार्च 1839 को गुजरात के नवसारी में हुआ था, जो आज दांडी बीच के लिए जाना जाता है। उनका पारसी परिवार लंबे समय से पुजारी का काम करता था, लेकिन जमशेदजी के पिता नुसेरवानजी टाटा अपने परिवार में पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने व्यापार में हाथ आजमाया।

1858 में ग्रेजुएशन करने के बाद जमशेदजी टाटा ने भी अपने पिता की कंपनी में काम संभालना शुरू किया। सन 1868 में उन्होंने 21,000 रुपए के साथ एक दिवालिया तेल मिल खरीद कर उसमें रूई का कारखाना शुरू किया। उन्होंने अपने जीवन के चार लक्ष्य निर्धारित किए। पहला एक लौह और स्टील कंपनी खोलना, दूसरा एक वल्र्डक्लास इंस्टीट्यूशन स्थापित करना, एक होटल खोलना और एक हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट स्थापित करना। अपने जीवन में वह सिर्फ ताजमहल होटल की स्थापना कर एक ही लक्ष्य पूरा कर पाये। हालांकि टाटा समूह की आने वाली पीढियों ने उनके सभी लक्ष्य पूरे किये।

भारत की गुलामी के दिनों में भी एक स्वदेशी औद्योगिक समूह टाटा ग्रुप को ऊंचाईयों तक ले जाने वाले जमशेदजी टाटा ने 19 मई 1904 को अपनी अंतिम सांस ली। इसके बाद इसकी कमान सर दोराब टाटा ने संभाली। टाटा समूह को आगे ले जाने में दोराब टाटा का भी अहम योगदान रहा। इनकी मृत्यु 1932 में हुई थी। इसके बाद रतन टाटा ने इसकी बागडोर संभाली। इनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ। ये टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के दत्तक पोते नवल टाटा के बेटे हैं। रतन टाटा की स्कूल शिक्षा मुंबई में हुई।
टाटा समूह का विस्तार
इंग्लैंड से लौटने के बाद जमशेदजी टाटा ने कपड़े के व्यापार में हाथ आजमाया। उन्होंने बंबई के इंडस्ट्रियल हब चिंचपोकली में एक दिवालिया हो चुकी तेल मिल को खरीदा और इसका नाम बदलकर एलेक्जेंड्रा मिल मिल रख दिया। इस मिल को उन्होंने एक कॉटन मिल में बदला और दो साल बाद ही एक अच्छे प्रॉफिट के साथ इसे एक स्थानीय व्यापारी को बेच दिया। वो फिर इंग्लैंड गए और लैंकशायर के कपड़ा व्यापार को गहराई से समझा।

जमशेदजी टाटा ने अपने प्रॉफिट को बढ़ाने के लिए दूरदर्शी सोच को अपनाया। उन्होंने 3 बिंदुओं के आधार पर 1.5 लाख रुपये के निवेश से 1874 में महाराष्ट्र के नागपुर में सेंट्रल इंडिया स्पिनिंग, वीविंग और मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की शुरुआत की। उन्होंने अपने कपड़ा व्यापार का सस्ता एक्सपोर्ट करने के लिए 1873 में एक शिपिंग कंपनी भी शुरू की थी। 1893 में जमशेदजी टाटा जापान की यात्रा कर वहां वैज्ञानिक तरीके से रेशम कीट पालन की पद्धति को जाना। इसके बाद वह भारत लौटकर मैसूर स्टेट में इस कारोबार को फैलाया।

टाटा की वेबसाइट के मुताबिक टाटा ग्रुप ने देश को पहली बड़ी स्टील कंपनी, पहला लग्जरी होटल, पहली देसी कंज्यूमर गुड्स कंपनी दी। देश की पहली एविएशन कंपनी टाटा एयरलाइंस की शुरुआत भी की, जो बाद में एयर इंडिया हो गई। समूह की टाटा मोटर्स पहले रेलवे इंजन बनाया करती थी और देश की पहली एसयूवी Tata Sierra भी इसी ने बनाई थी।

फोटो का स्रोत- टाटा समूह के पूर्व अधिकारी









