नई दिल्ली : नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी या एनपीपीए ने पेटेंट से बाहर होने वाली दवाओं की कीमतों को घटाकर सीधे 50 फीसदी कर दिया है। दवा निर्माता कंपनियों द्वारा मुनाफाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए नियामक संस्था के अनुसार यह कदम उठाया गया है। एनपीपीए की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि एक साल बाद बाजार के आंकड़ों को ध्यान में रखकर नई कीमत तय की जाएगी। इस कदम से मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां दवाओं के दाम खुद तय नहीं कर पाएंगी।
एक साल से अधिक समय से केंद्र सरकार कम से कम 12 महीनों के लिए ऑफ-पेटेंट वाली दवाओं के लिए मूल्य निर्धारण तंत्र पर काम करने के लिए दवा कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, जॉनसन एंड जॉनसन की टीबी रोधी दवा बेडाकुइलाइन, जिसका पेटेंट जुलाई में समाप्त हो रहा है, सबसे पहले प्रभावित फार्मा कंपनी होगी।









