मुंबई : देश में हिंदू राष्ट्र को लेकर सियासी उठापटक तेज हो गई है। मुंबई में आजाद मैदान में जमीयत उलेमा ए हिन्द के अधिवेशन में मौलाना हसन मदनी ने कहा है कि लोग भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जब हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले गद्दार नहीं हैं तो फिर मुस्लिम राष्ट्र की मांग करने वाले गद्दार कैसे हो गए?
‘हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग करने देशद्रोही नहीं’
मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान हसन मदनी ने कहा, “लोग भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें देशद्रोही नहीं कहा जाता है। लेकिन जब एक मुसलमान इस्लामिक राज्य की मांग करता है तो वो देशद्रोही क्यों हो जाता है? जब सिख खालिस्तानी राज्य की मांग करते हैं तो वो देशद्रोही कैसे हो जाते हैं?”
‘केवल अल्लाह के आगे झुकते हैं मुसलमान’
उन्होंने कहा, “यह एक धर्मनिरपेक्ष देश है। हम मुसलमान देश में धर्म निरपेक्षता को जीवित रखने के लिए अपना खून देंगे। वर्तमान में जो मुसलमानों को दबाने की कोशिश कर रहे हैं, जो मुसलमानों को धर्मांतरण के लिए मजबूर करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि मुसलमान केवल अल्लाह के आगे झुकते हैं। किसी और के सामने नहीं।
अरशद मदनी ने कांग्रेस के बजरंग दल को बैन करने के फैसले का किया समर्थन
बजरंग दल को लेकर सियासत गरमाती नजर आ रही है। दरअसल, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष सैय्यद अरशद मदनी ने कांग्रेस के बजरंग दल को बैन करने के फैसले का समर्थन किया है। मदनी के इस बयान पर अब स्वामी चक्रपाणि ने पलटवार किया है।
’70 साल पहले बैन करते तो मुल्क बर्बाद ना होता’
अरशद मदनी ने एक कार्यक्रम के दौरान रविवार को कहा, “कांग्रेस ने अपनी घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात कही। उन्हें ये फैसला 70 साल पहले लेना चाहिए था, मुल्क बर्बाद नहीं होता। कांग्रेस के इस बयान पर शोर था कि घोषणा पत्र में इसे दाखिल करना गलत था। मैं समझता हूं कि कांग्रेस गलती नहीं कर रही बल्कि गलती सुधार रही है।”









