बिहार में एक और नेता की जिंदगी सलाखों की पीछे गुजरेगी. पूर्व मंत्री रवींद्र नाथ मिश्र को छपरा के एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने 33 वर्ष पुराने मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है. छपरा के मांझी में 33 साल पहले बूथ कैप्चरिंग के दौरान एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसमें कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके रवींद्र नाथ मिश्र 7 दिन पहले दोषी करार दिये गए थे. कोर्ट ने इनपर 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं उनके भाई ई हरेंद्र मिश्र को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था.
क्या था 33 साल पुराना मामला ?
वर्ष 1990 में बिहार में विधानसभा के चुनाव हो रहे थे. वोटिंग के दिन 27 फरवरी को मांझी प्रखंड के बूथ संख्या 175 और 176 पर बूथ लूटने की मंशा से कुछ लोगों ने हमला बोल दिया, फायरिंग से वहां भगदड़ मच गयी, उसमें वोट देने आए एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई थी.