नई दिल्ली : झारखंड सहित देश के ज्यादातर हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है। जिसके कारण लोगों को बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। मानसून का बड़ी ही बेसब्री से लोग इंतजार कर रहे हैं। इस बीच मानसून को लेकर मौसम विभाग ने एक बड़ी खुशखबरी दी है। आमतौर पर 1 जून को केरल के आसमान में मानसूनी बादल छा जाते हैं। केरल में झमाझम बारिश होने लगती है, लेकिन इस बार 7 जून हो चुकी है, लेकिन अभी तक मानसून नहीं दिख रहा है।
अगले 48 घंटे में केरल के ऊपर छा सकते हैं मानसूनी बादल
मौसम विभाग ने बड़ी खुशखबरी देते हुए बुधवार को बताया कि अगले 48 घंटे में केरल के ऊपर मानसूनी बादल छा सकते हैं। यही नहीं यहां मानसून की पहली बारिश होने के भी पूरे आसार हैं। इससे पहले मौसम विभाग ने पिछले महीने अनुमान जताया था कि इस बार मानसून 4 जून को केरल पहुंचेगा। आमतौर पर 1 जून को केरल पहुंचने वाले मानसूनी बादल एक हफ्ते आगे या पीछे हो सकते हैं।
उत्तर पूर्वी राज्यों में भी बरसने की उम्मीद
मौसम विभाग का कहना है कि मानसूनी बादलों के आगे बढ़ने के लिए भी स्थितियां बड़ी अनुकूल हैं। मानसूनी बादल दक्षिण अरब सागर, पूरे लक्षद्वीप, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी, सेंट्रल और नॉर्थ-ईस्ट के साथ ही उत्तर पूर्वी राज्यों में भी अगले 48 घंटे में बरसने की उम्मीद है।
खेती-किसानी के लिए बारिश बहुत जरूरी
ज्ञात हो कि मानसून भारत में खरीफ की फसलों के लिए बहुत ही जरूरी है। हमारे देश में मौसम चक्र के अनुसार साल में तीन फसलें उगाई जाती हैं। इन तीनों को समर, खरीफ और रबी की फसलें कहा जाता है। जिन फसल को जून-जुलाई में बोया जाता है और अक्टूबर-नवंबर में काटा जाता है, उसे खरीफ की फसल कहते हैं। जिन फसलों को अक्टूबर-नवंबर में बोकर जनवरी-मार्च में काटा जाता है उन्हें रबी की फसल कहते हैं। इस दोनों के बीच में समर की फसलें होती हैं।
अरब सागर में भी उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय
इधर अरब सागर में एक चक्रवाती तूफान भी उठा है, जिसका नाम बिपरजॉय है। यह तूफान अगले कुछ घंटों में गंभीर रूप धारण कर सकता है। किसानों को तूफान प्रभावित हिस्से में मछली मारने के लिए जाने से मना किया गया है और जो लोग पहले से ही समुद्र में हैं उन्हें तट पर लौटने की सलाह दी गई है।










