झारखंड की राजधानी रांची में बूंद बूंद पानी के लिए लोग तरस रहे हैं.आलम यह है कि पानी और बिजली की चरमराई व्यवस्था के खिलाफ लोगों का विरोध प्रदर्शन भी जारी हो गया है. हैरत की बात यह है कि सरकार के द्वारा मुहैया कराए गए फ्लैट में भी पानी बिजली की किल्लत ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सप्लाई पानी महज 20 मिनट के लिया आता है और नाली के पानी के जैसा गंदा होता है। इतना ही नहीं पानी में कीड़ा भी रहता है। अगर वहीं पानी मंत्री जी के यहां जाए।तो वह कपड़ा धोने के लिए भी उस पानी का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
विरोध प्रदर्शन का पढ़ाई पर भी दिखा असर
स्थानीय लोग नें खाली बाल्टी और बर्तन के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे ,यह सुखदेव नगर थाना के पास स्थित नगर निगम फ्लैट का है। जो बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। आलम यह है कि पानी की कमी की वजह से बच्चे नहा भी नहीं रहे हैं। जिसकी वजह से वह बीमार भी पड़ रहे हैं। बच्चों के स्किन पर भी बुरा असर पड़ रहा है।सुबह से लेकर शाम तक सप्लाई में आने वाली पानी का इंतजार परिवार के सभी सदस्य करते हैं। लेकिन जो पानी सप्लाई से आता है।वह भी नाली के पानी की तरह गंदा होता है। जिसकी वजह से पानी मिलने के बाद भी उसका उपयोग वहां के लोग नहीं कर पा रहे हैं। वहां के बच्चों का यह भी कहना है कि पानी की कमी की वजह से उनके पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। क्योंकि पढ़ाई छोड़ कर वह सुबह से शाम तक पानी के इंतजार में रहते हैं।
नारी सेना की अध्यक्ष पूनम सिंह ने हेमंत सोरेन की सरकार को ठहराया जिम्मेदार
पानी और बिजली की किल्लत को लेकर स्थानीय लोगों के द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है और हेमंत सोरेन सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए पानी बिजली मुहैया कराने की मांग की जा रही है। ऐसे में यह भी सवाल उठ रहा है कि जब राजधानी में पूरा सरकारी अमला होने के बावजूद ऐसी हालत है। तो अन्य स्थानों की क्या होगी।
ये भी पढ़ें :- बोकारो: आदिवासी सेंगल अभियान के समर्थकों ने एनएच 23 को किया जाम