गर्मी की शुरुआत से पहले ही झारखंड में एक बार फिर बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है. बोकारो जिले में मंगलवार को बीमारी से 60 से ज्यादा मुर्गियों की मौत हो चुकी है. बोकारो में करीब 150 से ज्यादा छोटे-बड़े पोल्ट्री फॉर्म हैं, और उनमें से कई जगहों से मुर्गियों की मरने की खबरें हैं. लेकिन कोई भी पोल्ट्री फॉर्म मालिक सार्वजनिक तौर पर इसे स्वीकार करना नहीं चाहता कि उनके यहां भी मुर्गियों की मौत हुई है.
लोगों से डीसी की सावधानी की अपील
मामले की गंभीरता के देखते हुए जिला प्रशासन ने लोगों से मुर्गी-बतख खाने से बचने की अपील की है. वहीं आज से जिला पशुपालन विभाग ने एक अभियान शुरु कर सभी पोल्ट्री फार्म में सैंपलिंग की शुरुआत की है. वहीं सभी पोल्ट्री फार्म संचालक और मुर्गी-बतख पालकों को कहा गया है किइनकी सेहत में किसी तरह के बदलाव आने पर तुरंत विभाग को जानकारी दी जाए. बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद प्रशासन ने पोल्ट्री फार्म के एक किलोमीटर के दायरे को अफेक्टेड जोन और 10 किलोमीटर के दायरे को सर्विलांस जोन घोषित कर दिया है.
कितना खतरनाक है बर्ड फ्लू ?
बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लुएंजा भी कहते हैं, जो एक वायरल इन्फेक्शन है. ये पक्षियों से पक्षियों में फैलता है और ज्यादातर पक्षियों के लिए जानलेवा भी साबित होता है.
ये वायरस पक्षियों की आंतों या श्वसन तंत्र पर हमला करता है और उन्हें बीमार कर देता है. कई मामलों में इससे पक्षियों की मौत भी हो जाती है.
संक्रमित पक्षी की लार, नाक से निकलने वाला लिक्विड या मल के जरिए वायरस फैल सकता है. ऐसे में जब दूसरा पक्षी इससे संपर्क में आता है, तो वो भी संक्रमित हो जाता है.
WHO के मुताबिक बर्ड फ्लू या एवियन फ्लू A टाइप का इन्फ्लुएंजा वायरस है, जो इंसानों के साथ-साथ जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है. जब कोई इंसान किसी संक्रमित पक्षी से सीधे तौर पर संपर्क में आता है तो उसके भी बर्ड फ्लू से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है.
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