चंडीगढ़ : पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर से गुरबानी का ‘नि:शुल्क प्रसारण’ कराने के लिए राज्य विधानसभा में मंगलवार को सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया गया। सिख गुरुओं और गुरु ग्रंथ साहिब के अन्य लेखकों की विभिन्न रचनाओं को ‘गुरबानी’ कहा जाता है। सदन में विधेयक पेश किए जाने के बाद उस पर चर्चा हुई, जिसके बाद उसे पारित कर दिया गया। विधेयक को पारित करने से पहले ब्रिटिश काल के एक अधिनियम में को संशोधन भी किया गया है।
ब्रिटिश काल के अधिनियम में संशोधन
पंजाब मंत्रिमंडल ने स्वर्ण मंदिर से गुरबानी का नि:शुल्क सीधा प्रसारण सुनिश्चित करने के लिए ब्रिटिश काल के सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 में संशोधन को मंजूरी दी थी। मौजूदा समय में स्वर्ण मंदिर से गुरबानी का प्रसारण एक निजी चैनल करता है। सिखों के शीर्ष धार्मिक निकाय ‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी’ (एसजीपीसी) ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कहा था कि 1925 का अधिनियम एक केंद्रीय कानून है और इसे केवल संसद द्वारा ही संशोधित किया जा सकता है।
सीएम मान ने विधेयक पारित करने के पीछे दी यह दलील
उधर, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार इस अधिनियम में संशोधन करने में पूरी तरह से सक्षम है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट, हरियाणा के लिए गुरुद्वारा कमेटी के एक एक अलग मुद्दे पर पहले ही फैसला सुना चुका है कि यह अधिनियम कोई अंतर-राज्य अधिनियम नहीं, बल्कि एक राज्य अधिनियम है। सदन में विपक्ष को जवाब देते हुए सीएम मान ने कहा कि गुरबानी सबकी है। इसे 11 साल से एक ही चैनल चला रहा है। 21 जुलाई को उस चैनल का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने वाला है। मान पर जब विपक्ष का हमला तेज हुआ तो उन्होंने कहा, ‘मैंने कब कहा कि कॉन्ट्रैक्ट मेरे चैनल को दो, मेरा तो कोई चैनल ही नहीं है।










