कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सुबह से पंचायत चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। इस बीच जगह-जगह हिंसा भी जारी है। बीते चौबीस घंटे से भी कम समय में 8 लोगों की मौत हो गई है। जिसमें टीएमसी, बीजेपी और सीपीएम के कार्यकर्ता शामिल हैं। बताया जाता है कि इस हिंसा में सबसे ज्यादा टीएमसी के कार्यकर्ताओं की मौत हुई है। टीएमसी के 6 कार्यकर्ताओं की जान गई है।
केंद्रीय बलों की तैनाती के बावजूद नहीं थम रही हिंसा
राज्य से चुनाव के दौरान जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वो हैरान करने वाली हैं और सिस्टम पर भी कई सवाल खड़े करती हैं। कहीं पर बैलेट पेपर और बैलेट बॉक्स जलाए जा रहे हैं जो कहीं पर वोटरों को भगाया जा रहा है। जबकि यह चुनाव केंद्रीय बलों की निगरानी में हो रहा है। इसके बावजूद भी हिंसा थम नहीं रही है।
कई जगहों पर आगजनी, हिंसा, गोलाबारी
राज्य की 63,228 ग्राम पंचायत सीटों पर साठ हजार से अधिक केंद्रीय जवान तैनात है। कई जगहों पर आगजनी, हिंसा, गोलाबारी और बमबारी की कई तस्वीरें और वीडियोज सामने आए हैं। कूचबिहार में मतदान केंद्र में सामान छीनकर आग लगा दी गई।
जानिए क्या बोले राज्यपाल सीवी आनंद बोस
उत्तर 24 परगना में पहुंचे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि मैं सुबह से ही मैदान में हूं। लोगों ने मुझसे अनुरोध किया, रास्ते में मेरा काफिला रोका गया। उन्होंने मुझे आसपास हो रही हत्याओं के बारे में बताया, गुंडों द्वारा उन्हें मतदान केंद्रों पर नहीं जाने देने के बारे में बताया। इससे हम सभी को चिंता होनी चाहिए। यह लोकतंत्र के लिए सबसे पवित्र दिन है। चुनाव मतपत्रों से होना चाहिए और गोलियों से नहीं।
बीजेपी और टीएमसी के नेता एक-दूसरे पर लगा रहे आरोप प्रत्यारोप
इस पंचायत चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। केंद्रीय बल की मौजूदगी के बावजूद हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार ने बीजेपी नेताओं पर हमले का आरोप लगाया है। वहीं टीएमसी बीजेपी और सीपीएम पर आरोप लगा रही है। बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में जो हो रहा है वो 90 के दशक में बिहार में होता था। वहीं टीएमसी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि केंद्रीय बलों की तैनाती के बावजूद इतने बड़े पैमाने पर हिंसा क्यों हो रही है?










