नीतीश कुमार की कैबिनेट का शुक्रवार को विस्तार किया गाया.संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद ,खाली हुई सीट पर जेडीयू के रत्नेश सदा को मंत्री बनाया जा रहा है.राजभवन में एक सादे समारोह में रत्नेश सदा को मंत्री पद की शपथ राज्यपाल व्दारा दिलाया गया.और याथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बालासोर हादसे में बिहार के मृतकों और घायलों के लिए अनुदान देने का ऐलान किया है.जेडीयू रत्नेश सदा को अपने नए दलित चेहरे के रूप में पेश करना चाहती है.
राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने दिलाई शपथ
संतोष मांझी के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर रत्नेश सदा को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. बतादे दे रत्नेश सदा सोनबरसा से जेडीयू के विधायक हैं. राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने राजभवन के दरबार हॅाल में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन के इस्तीफे के कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को बिहार मंत्रिमंडल का विस्तार किया. सोनबरसा से जनता दल (यूनाइटेड) के विधायक और दलित नेता रत्नेश सदा को सुमन के स्थान पर मंत्रिमंडल में शामिल किए गए. विधायक रत्नेश सदा ने मंत्री पद की शपथ ली है.
जेडीयू विधायक रत्नेश सदा का,पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और उनके बेटे पर आरोप
शपथ ग्रहण के बाद सोनबरसा से जेडीयू विधायक रत्नेश सदा ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और उनके बेटे संतोष कुमार सुमन की पिता-पुत्र की जोड़ी पर नीतीश कुमार को धोखा देने का आरोप लगाया.मंत्री सदा ने कहा कि जीतम राम मांझी 1980 के दशक से कई सरकारों में मंत्री रहे और मुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया, लेकिन दलितों और विशेष रूप से मुसहरों के लिए सिर्फ बातें करने के अलावा और कुछ नहीं किया.उन्होंने कहा,”मैं नीतीश कुमार में कबीर देखता हूं.उन्होंने मुझे,एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे को,इस स्तर तक पहुंचाया है.मेरे पास शब्द नहीं हैं,क्योंकि मैं भावनाओं से अभिभूत हूं.जीतन राम मांझी 1980 से विधायक हैं,लेकिन उनके पास दलितों के लिए महत्वपूर्ण काम के रूप में दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है.उन्होंने केवल अपने परिवार के लिए काम किया.
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