मुंबई : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र में सियासी हलचल बढ़ी हुई है। शिवसेना शिंदे गुट के 16 विधायकों के ऊपर निलंबन की तलवार लटकी हुई है, जिस पर फैसला विधानसभा अध्यक्ष को लेना है। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार ने ऐसी बात कही है जो शिंदे फडणवीस सरकार के लिए राहत भरी है तो उद्धव ठाकरे के लिए टेंशन बढ़ाने वाली है। पवार ने कहा है कि शिंदे सरकार को कोई खतरा नहीं है।
शिवसेना यूबीटी ने की 16 विधायकों की अयोग्यता मामले में तेजी से कार्रवाई की मांग
सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना में बगावत पर सुनवाई के दौरान विधायकों की अयोग्यता का फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया था। अब शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के एक प्रतिनिधिमंडल ने शिंदे खेमे के 16 विधायकों की अयोग्यता मामले में तेजी से कार्रवाई की मांग करते हुए महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को 79 पन्नों का एक पत्र सौंपा है। अजित पवार ने इसे लेकर ही सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस ये बात कही।
शिंदे और फडणवीस की सरकार गिरने वाली नहीं- पवार
अजित पवार ने कहा कि अगर 16 विधायक अयोग्य करार दिए जाते हैं तो भी शिंदे और फडणवीस की सरकार गिरने वाली नहीं है। सरकार को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर 16 विधायक अपनी सदस्यता खो भी देते हैं तो 288 सदस्यों वाली विधानसभा में सरकार बहुमत का नंबर खोने वाली नहीं है।
शिवसेना यूबीटी ने की है मांग
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिवसेना यूबीटी ने शिंदे कैंप के 16 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने की मांग को लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल और विधानसभा सचिव जितेंद्र भोले को पत्र सौंपा था।
शिवसेना यूबीटी के व्हिप सुनील प्रभु ने कहा कि शीर्ष अदालत के उस आदेश पर, जिसमें कहा गया है कि शिंदे कैंप के 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला स्पीकर ले सकते हैं, यूबीटी सेना ने अध्यक्ष को एक पत्र सौंपा है। उन्होंने कहा, “अभी स्पीकर विदेश दौरे से वापस नहीं लौटे हैं, इसलिए हमने यह पत्र डिप्टी स्पीकर को सौंपा है।”
अभी सरकार के पास कितने विधायक ?
वर्तमान में सत्ताधारी शिवसेना (शिंदे गुट) और बीजेपी के पास कुल 145 विधायक हैं। जबकि अन्य विधायकों को जोड़ लिया जाए तो यह संख्या 162 पहुंच जाती है। 288 सदस्यों वाली विधानसभा में यह संख्या बहुमत के लिए आवश्यक नंबर से 17 ज्यादा है।









