झारखंड सरकार ने 1 अक्टूबर 2025 को अधिसूचना जारी कर अपनी वरिष्ठ IAS अधिकारी अलका तिवारी को राज्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया। 1988 बैच की झारखंड कैडर की अधिकारी अलका तिवारी 30 सितंबर 2025 को मुख्य सचिव के पद से रिटायर हो रही हैं। पंचायती राज विभाग की अधिसूचना के अनुसार, झारखंड पंचायत राज अधिनियम, 2001 की धारा 66(2) के तहत यह नियुक्ति की गई है। उनका कार्यकाल पद ग्रहण की तिथि से 4 वर्ष का होगा या फिर उनकी आयु 65 वर्ष होने तक, जो भी पहले हो। यह नियुक्ति अलका तिवारी के लंबे प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए की गई है, जो उन्हें राज्य के निर्वाचन प्रक्रियाओं को मजबूत करने में सक्षम बनाएगी।
अलका तिवारी का करियर झारखंड की नौकरशाही का एक उल्लेखनीय अध्याय रहा है। वे गुमला और लोहरदगा की डिप्टी कमिश्नर रह चुकी हैं और वाणिज्यिक कर, वन एवं पर्यावरण विभाग में सचिव के रूप में कार्य किया है। केंद्रीय स्तर पर नीति आयोग में सलाहकार, उर्वरक विभाग में संयुक्त और अतिरिक्त सचिव, और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में सचिव के रूप में 3 वर्ष से अधिक सेवा दी है। उनके पति डीके तिवारी भी 1986 बैच के IAS अधिकारी हैं, जो मुख्य सचिव रह चुके हैं और वर्तमान में राज्य निर्वाचन आयुक्त हैं। अलका तिवारी की नियुक्ति उनके पति की विरासत को आगे बढ़ाने का प्रतीक है।
यह नियुक्ति झारखंड के पंचायती राज और निर्वाचन प्रक्रियाओं को और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रिटायरमेंट के ठीक एक दिन बाद यह जिम्मेदारी मिलना अलका तिवारी के योगदान को दर्शाता है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने उनके विदाई समारोह में ही इसकी घोषणा की थी, जो उनकी क्षमता पर विश्वास का प्रमाण है।