Desk. मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से जुड़े सभी मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा की निचली अदालत से अपने पास मंगवाने का फैसला किया है। अब इसकी सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले इसको लेकर एक अर्जी हाई कोर्ट में दाखिल की गई थी। इसमें कहा गया था कि मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि मामला राष्ट्रीय महत्व का है। इसे देखते हुए सुनवाई हाईकोर्ट द्वारा की जानी चाहिए। इसके बाद हाई कोर्ट ने इससे जुड़े सभी मामलों पर खुद सुनवाई का फैसला लिया। अलग-अलग कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर किसी एक कोर्ट में ही सुनवाई की मांग की गई थी।
मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मथुरा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से सभी मामलों के रिकॉर्ड अपने पास भेजने को कहा है। पिछली सुनवाई के दौरान दलीलें पेश करते हुए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील ने 25 मई को सिविल जज की कोर्ट से कहा कि यह मामला सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि इसे लेकर 1968 में ही समझौते हो गया था।
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद काफी पुराना है। विवाद 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है। 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ समझौता किया था। इस समझौते में 13.7 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों बनने की बात हुई थी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है और 2.5 एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है।