गंगा नदी में आई बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित आरा प्रखंड के 16 पंचायतों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य और इंसाफ मंच के राज्य सचिव क्यामुद्दीन अंसारी के नेतृत्व में बाढ़ पीड़ितों ने आरा अंचल कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बाढ़ प्रभावित गांवों में नाव की व्यवस्था, सामुदायिक किचन की स्थापना, सूखा भोजन पैकेट (जैसे चुड़ा-गुड़, चना, नमक, सत्तू, प्याज, कैंडिल, माचिस) का वितरण और गरीबों के बीच त्रिपाल देने की मांग की। इसके अलावा, बाढ़ से प्रभावित पशुओं के चारे की कमी पर भी चर्चा की गई।
प्रदर्शन के दौरान सभा को संबोधित करते हुए क्यामुद्दीन अंसारी ने जिला प्रशासन पर आरा प्रखंड के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आरा सदर प्रखंड के देवढी, मोहनपुर, कड़रा, बेला, पवट, सेमरिया, धुधुआंबारा-बसंतपुर, बलुआं, बड़की सनदियां डायवर्सन पर अब तक एक भी नाव की व्यवस्था नहीं की गई है और न ही कोई सामुदायिक किचन चल रहा है। अंसारी ने जोर देकर कहा कि आरा सदर प्रखंड को शीघ्र बाढ़ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाए। अंचल पदाधिकारी ने प्रदर्शन कर रहे बाढ़ पीड़ितों के प्रतिनिधि मंडल से मिलने से इंकार कर दिया, जिसके बाद अनुमंडल पदाधिकारी से दूरभाष पर बात हुई।
सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने आश्वासन दिया कि आज ही आरा प्रखंड के दर्जनों गांवों में सामुदायिक किचन शुरू किए जाएंगे और हर संभव राहत कार्य चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र कर्मचारियों को भेजकर रिपोर्ट मांगी जाएगी और बाढ़ राहत कार्य शुरू किए जाएंगे। प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोगों में किसान नेता हरेराम सिंह, महेश सिंह, भाकपा माले नेता उपेन्द्र पाल, जनार्दन गोंड़, भिखारी पासवान, रामनिवास बिन, राम अवध राम, विकास यादव, सत्यदेव यादव, योगेन्द्र यादव, धर्मराज राम और भिखर पासवान शामिल थे। जनता ने सरकार से शीघ्र कार्रवाई की मांग की है और प्रशासन से उचित राहत कार्य की उम्मीद जताई है।