वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत शर्तों को स्पष्ट किया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति मामले में केजरीवाल को जमानत दी है, जिसमें उन्हें सभी फाइलों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति है, सिवाय उन फाइलों के जो शराब नीति मामले से संबंधित हैं। सिंघवी ने बताया कि केजरीवाल पर कोई नई शर्तें नहीं लगाई गई हैं और वह मुख्यमंत्री के रूप में अपने सभी कर्तव्यों का पालन कर सकते हैं। जमानत मिलने के बाद केजरीवाल ने कहा कि वह ‘राष्ट्रविरोधी’ ताकतों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और इस घटना ने उनकी दृढ़ता को और मजबूत किया है।
जमानत मिलने के बाद, केजरीवाल का पार्टी कार्यालय और उनके निवास स्थान पर जोरदार स्वागत किया गया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने मिठाइयां बांटी और पटाखे फोड़े। आलोचकों ने इस जश्न को ‘भ्रष्टाचार का उत्सव’ करार दिया और भाजपा ने इसे राजनीतिक साजिश बताया। इससे पहले, मार्च 2024 में केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था और जून में सीबीआई ने उन्हें फिर से गिरफ्तार किया। इस मामले में केजरीवाल के अलावा कई अन्य आप नेताओं को भी जमानत मिल चुकी है। जनता में इस मामले को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया है, लेकिन पार्टी समर्थक इसे सत्य की जीत मान रहे हैं।