दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति मामले में जमानत दे दी है। इस मामले में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे थे। केजरीवाल को 21 मार्च 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था और बाद में 26 जून 2024 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी गिरफ्तार किया था। इस मामले की शुरुआत दिल्ली की नई शराब नीति के लागू होने के बाद हुई थी, जिसमें भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप लगे थे। इस नीति के तहत शराब की बिक्री और वितरण में कथित अनियमितताओं की जांच की जा रही है।
जमानत के लिए उन्हें ₹10 लाख का जमानत बांड और दो जमानतदार प्रस्तुत करने होंगे। इसके अलावा, केजरीवाल को इस मामले के संबंध में कोई सार्वजनिक टिप्पणी करने की अनुमति नहीं है और वे मुख्यमंत्री कार्यालय या दिल्ली सचिवालय में प्रवेश नहीं कर सकते। उन्हें गवाहों से संपर्क करने या मामले से संबंधित फाइलों तक पहुंचने की भी अनुमति नहीं है। जमानत के दौरान उन्हें सभी सुनवाई के दौरान न्यायालय में उपस्थित रहना होगा, जब तक कि उन्हें छूट नहीं दी जाती। इन शर्तों के साथ, सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया है कि केजरीवाल जमानत के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता में शामिल न हों और जांच प्रक्रिया में बाधा न डालें।
मनीष सिसोदिया
इस मामले में कई अन्य राजनीतिक हस्तियों को भी जमानत मिली है। इनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधायक के कविता और आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व मीडिया प्रभारी विजय नायर शामिल हैं। सिसोदिया को 9 अगस्त 2024 को 17 महीने की हिरासत के बाद जमानत मिली, जबकि के कविता को 27 अगस्त 2024 को और विजय नायर को 2 सितंबर 2024 को जमानत मिली। इन सभी को जमानत मिलने के बाद अब जांच एजेंसियां अपनी जांच को और तेज करेंगी और मामले की गहराई से जांच करेंगी।
विजय नायर
के कविता
जमानत मिलने के बाद अब जांच एजेंसियां, ईडी और सीबीआई, इस मामले में और भी दस्तावेजों और सबूतों की जांच कर रही हैं। इस मामले में कई उच्च पदस्थ अधिकारियों और नेताओं की संलिप्तता की जांच की जा रही है। अब देखना होगा कि जांच एजेंसियां आगे क्या कदम उठाती हैं और इस मामले में और कौन-कौन से नए खुलासे होते हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, यह संभावना है कि आने वाले समय में और भी कई महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं।