दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि वह कल अपने पद से इस्तीफा देंगे। यह निर्णय उन्होंने दिल्ली की शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में जमानत मिलने के बाद लिया है। केजरीवाल ने कहा कि वह तब तक मुख्यमंत्री पद पर नहीं बैठेंगे जब तक जनता उन्हें “ईमानदारी का प्रमाणपत्र” नहीं देती। उन्होंने जल्दी चुनाव कराने की मांग की है और कहा है कि वह केवल जनता के समर्थन से ही वापस आएंगे।
आम आदमी पार्टी (AAP) ने अगले मुख्यमंत्री के संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा शुरू कर दी है। हालांकि, केजरीवाल ने स्पष्ट किया है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस दौड़ में नहीं हैं। पार्टी के अन्य प्रमुख नेताओं में आतिशी, राघव चड्ढा और सौरभ भारद्वाज के नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं। अगले मुख्यमंत्री का कार्यकाल तब तक रहेगा जब तक नए चुनाव नहीं हो जाते, जो कि संभवतः नवंबर में महाराष्ट्र के चुनावों के साथ हो सकते हैं।
केजरीवाल के इस्तीफे की खबर से दिल्ली की राजनीति में हलचल मच गई है। जनता की प्रतिक्रिया मिश्रित है; कुछ लोग उनके इस कदम को साहसिक और ईमानदार मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक चाल बता रहे हैं। इस इस्तीफे का दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना बाकी है, लेकिन यह निश्चित है कि आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।