Sawan Somvar : मलमास की तीसरी और श्रावणी मेला की पांचवी सोमवारी है। सावन का पतित-पावन महीना चल रहा है. हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, यह महीना देवों के देव महादेव को काफी प्रिय है. ऐसा माना जाता है कि भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए ये महीना अति उत्तम है. सावन में देशभर के शिवालयों को सजा दिया गया है. शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है.
सुबह 3: बजे देवघर मंदिर का पट खोला गया
आज सुबह 3: बजे देवघर मंदिर का पट खोला गया। सरदारी पूजा के बाद आम भक्तों के लिए अरघा सिस्टम से जल अर्पण शुरू कराया गया l अहले सुबह 03 बजकर 48 मिनट से बाबा बैद्यनाथ का जलार्पण शुरू हो गया। बाबा बैद्यनाथ का सुलभ व सुरक्षित जलार्पण कर रहे है सीसीटीवी के माध्यम से पूरे मेला क्षेत्र पर रखी जा रही है नजर। सोमवारी को जलार्पण को लेकर रात्रि पहर में ही श्रद्धालुओं की कतार पहुँची बीएड कॉलेज से लगभग 4 किलोमीटर तक लगी लंबी कतार लगी है।
जल अर्पण के लिए शीघ्र दर्शन की भी व्यवस्था
कम समय में जल अर्पण के लिए शीघ्र दर्शन की भी व्यवस्था दी गई है। सरदार पंडा ने बताया कि पुरुषोत्तम मास में दर्शन और जल अर्पण का विशेष लाभ मिलता है, उनके द्वारा आज सरदारी पूजा की गई और सभी भक्तों के लिए बाबा भोलेनाथ से प्रार्थना भी की गई। सरदार पंडा ने कहा कि पुरुषोत्तम मास और सावन दोनों ही महीनों में शिव के दर्शन और जल अर्पण का विशेष महत्व है आज भक्तों ने आंतरिक अर्घा और वाह्य अर्घा से जल अर्पण किया।
मलमास के कारण डाक बम की तादाद कम
मलमास को लेकर डाक बम काफी कम देखने को मिल रही है. कांवरिया भी काफी कम दिख रहे हैं, लेकिन प्रतिदिन लगभग 20 हजार के आसपास कांवरिया चलते हैं. जिनका रिकॉर्ड नियंत्रण कटोरिया रखा जाता है. पुरे कांवरिया पथ पर हर गतिविधि पर नजर रखते हुए 24 घंटे अधिकारी कांवरियों की सेवा में लगे हुए है.
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