रांची : मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनका अपमान करने वाला मामला खूब जोर पकड़ा हुआ है। इस मुद्दे पर राजनीति भी हो रही है, विपक्षी पार्टियां केंद्र और राज्य सरकार पर लगातार हमलावर है। वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने वर्तमान सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मणिपुर मुद्दे पर सिर्फ और सिर्फ राजनीति हो रही है। देश के गृह मंत्री अमित शाह चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष के लोग भाग रहें हैं। अगर झारखंड में चर्चा होनी है तो लॉ एंड ऑर्डर पर चर्चा होनी चाहिए।
राज्य की कानून व्यवस्था पर चर्चा करे सरकार
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मणिपुर हिंसा मामले में दिल्ली से लेकर रांची तक सिर्फ राजनीति हो रही है। इनलोगों को चर्चा से मतलब नहीं है। जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के दोनों में जाकर कहा है कि सरकार मणिपुर हिंसा मामले में चर्चा करने के लिए तैयार है। तो इनलोगों को चर्चा के लिए भाग लेना चाहिए। कांग्रेस के नेता जो यहां प्रदर्शन कर रहे हैं उन्हें चर्चा में भाग ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि झारखंड की चर्चा राज्य में होनी चाहिए। यहां जो लगातार कानून व्यवस्था बिगड़ रही है उसपर चर्चा होनी चाहिए। सिर्फ राजधानी रांची में आए दिन कितने लोगों की हत्याएं हो गई है। यह किसी से छुपा हुआ नहीं है।
जेल में बैठकर अपराधी बाहर से वसूल रहा पैसा
उन्होंने कहा कि जेल में बैठकर अपराधी बाहर से पैसा वसूल कर रहे हैं। जो पैसा नहीं देते हैं उसको गोली भी मार देते हैं। और वो सभी अपराधी जेल में मौज कर रहे हैं। बाबूलाल ने कहा कि मुझे कुछ जानकारी है कि कुछ पुलिस अफसर भ्रष्ट हैं। जो जेल में बंद अपराधियों से बात करते हैं। इन अपराध, कानून व्यवस्था के बारे में चर्चा होनी चाहिए।
वर्षों से है नार्थ ईस्ट की समस्या
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस पार्टी को याद होना चाहिए कि नार्थ ईस्ट की समस्या आज से नहीं है वर्षों से है। कांग्रेस की सरकार के समय से है। 1958 से ही वहां पर आर्म्स फोर्स स्पेशल पावर एक्ट लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि नार्थ ईस्ट में अगर सबकुछ अच्छा होता तो भारत सरकार को आर्म्स फोर्स स्पेशल पावर एक्ट बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। उन्होंने मणिपुर की घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि कोई भी सभ्य समाज इसे स्वीकार नहीं करेगी। सरकार ने कहा है कि उसके ऊपर कार्रवाई होगी और हो भी रही है। बांकि इनलोगों को इस पर राजनीति करना है तो करिए।