12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (फ्लाइट AI-171) टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही BJ मेडिकल कॉलेज के मेस पर क्रैश हो गया। इस हादसे में 250 से अधिक लोगों की जान चली गई। इस भयावह घटना में बिहार के बेगूसराय जिले के चेरियाबरियारपुर प्रखंड, मेहदा शाहपुर निवासी 24 वर्षीय MBBS छात्र रितेश शर्मा बाल-बाल बच गए, लेकिन उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया। रितेश ने बताया कि वह उस दिन रोज की तरह मेस में दोस्तों के साथ खाना खा रहा था। जैसे ही पहला निवाला मुंह में लिया, अचानक विमान की ट्रॉलियां और मलबा उन पर गिरने लगा। उनके दोस्त आंखों के सामने बेहोश हो गए, और एक टेबल के नीचे आने से रितेश की जान बच गई।

रितेश के चाचा मंटून शर्मा ने बताया कि हादसे के बाद रितेश से संपर्क न होने पर परिवार की चिंता बढ़ गई थी। बाद में एक अनजान नंबर से कॉल आया, जिसमें बताया गया कि रितेश सुरक्षित है, लेकिन उसे पैर में चोट के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया है। रितेश की मां ने राहत की सांस लेते हुए बताया कि उनके कारपेंटर पिता ललन शर्मा ने जमीन बेचकर बेटे को मेडिकल की पढ़ाई के लिए भेजा था। हादसे के बाद रितेश को गहरा सदमा लगा, जिसके चलते उसे ICU में भर्ती किया गया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 12 जून को अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में रितेश से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। उन्होंने रितेश का हौसला बढ़ाया और सभी घायलों के लिए बेहतर इलाज की व्यवस्था का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे के बाद क्रैश साइट और अस्पताल का दौरा किया, जहां उन्होंने घायल मेडिकल छात्रों से मुलाकात की। रितेश ने कहा कि उन्होंने मौत को करीब से देखा है, और यह अनुभव उनके लिए सदमे से भरा रहा। उनकी कहानी न केवल हिम्मत की मिसाल है, बल्कि उस भयानक हादसे की त्रासदी को भी बयां करती है।